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प्रदेश में खुलने जा रहीं है लैंग्वेज लैब, अब स्टूडेंट्स को नहीं होगी किसी प्रकार की समस्या

locationभोपालPublished: Sep 24, 2019 08:56:48 am

– राज्य के 200 कॉलेजों से होगी शुरूआत
– उच्च शिक्षा विभाग करेगा मॉनीटरिंग, कॉलेज स्तर पर विशेष प्रशिक्षण भी होगा

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भोपाल। प्रदेश में विधार्थी हिंदी और अंग्रेजी का शुद्ध उच्चरण कर सकें। इसके लिए राज्य सरकार लैंग्वेज लैब बनाने जा रही है। कॉलेज स्तर पर शुरू होने वाली इस लैब में विद्यार्थियों को विशेष प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके पहले कॉलेज के प्रोफेसर प्रशिक्षत होंगे। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए प्रदेश के 200 कॉलेजों का चयन कर लिया गया है।

अंग्रेजी की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है

हिन्दी भाषी प्रदेश होने के बाद भी प्रदेश के कई विद्यार्थी ऐसे हैं जो शुद्ध हिन्दी नहीं लिख सकते। उच्चारण भी बेहतर नहीं है। अंग्रेजी की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। यह तो हुई विद्यार्थियों की बात। कॉलेज के प्रोफेसर्स के मामले में भी कुछ ऐसी ही स्थिति हैं। इसलिए सरकार ने भाषा को सुधारने के लिए विशेष प्रयास शुरू किए हैं। इसके लिए लैग्वेज लैब तैयार किए जाने का निर्णय लिया गया है। कॉलेज स्तर पर शुरू होने वाली इस लैब में हिन्दी और अंग्रेजी की विशेष शिक्षा विद्यार्थियों को मिलेगी। इसके लिए विश्व बैंक भी मदद कर रहा है।

ऐसी होगी लैग्वेज लैब

लैब में वन प्लस 20 का फार्मूला लागू होगा। यानी एक प्रोफेसर और 20 कंप्यूटर इस लैब में होंगे। लैब में कम्प्यूटर और विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर होगा। यह कम्प्यूटर हैडफोन से लेस होंगे। इन कंप्यूटर्स में लैग्वेज संबंधी सॉफ्टवेयर लोड किए जाएंगे जिसमें अंग्रेजी और हिंदी की उ’चारण की अशुद्धता को जानकर उसमें सुधार किया जा सकेगा। विद्यार्थी चाहें तो यहां अपनी आवाज रिकॉर्ड भी कर सकेंगे। रिकार्ड आवाज में विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर से पता चल सकेगा कि उनका उच्चारण सही है या फिर गलत। उन्हें सही उच्चारण भी बताया जाएगा।

भोपाल में सबसे ज्यादा होंगे लैब

प्रदेश के 200 चयननित कॉलेजों में भोपाल जिले के सबसे ज्यादा 10 कॉलेजों का चयन किया गया है। इसके अलावा अन्य जिले के कॉलेज शामिल हैं। प्रयास किया गया है कि राज्य के सभी जिलों के कॉलेज इसमें शामिल हो जाएं। प्रथम चरण में यहां लैब शुरू होने के बाद अगले चरण में अन्य कॉलेजों का चयन होगा।

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