गौरतलब है कि प्रदेशभर के 250 से ज्यादा दिव्यांग 18 दिसम्बर से धरना दे रहे थे। इनमें से मुरैना निवासी कालीचरण, ग्वालियर निवासी मुकुंद यादव और रीवा निवासी गणेश प्रसाद शुक्ल तीन दिन से अनशन पर थे। शनिवार देर शाम एडीएम जीपी माली पुलिस बल के साथ पार्क पहुंचे थे।
MUST READ: बीयू के हॉस्टल में घुसी पुलिस, छात्रों को कमरों से बाहर निकालकर लाठियों से पीटा! रात साढ़े नौ बजे नीलम पार्क के गेट के दोनों ओर बेरीकेट्स लगाकर रास्ता बंद किया गया। पुलिस की बड़ी गाडि़यों में बल लाने के साथ तीन बसें और एम्बुलेंस लाई गई और दिव्यांगों को जबरन उठाना शुरू कर दिया।
आंसू, आहें, कराहें और बेबसी
दिव्यांगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस ने उन्हें बसों में ठंूसा तो कई दिव्यांग बस की खिड़की से कूदने लगे। एक दिव्यांग बस के आगे जाकर लेट गया, लेकिन पुलिस ने सभी को उठा-उठाकर बस में बैठा दिया। रात साढ़े नौ बजे नीलम पार्क के गेट के दोनों ओर बेरीकेट्स लगाकर रास्ता बंद किया गया। पुलिस की बड़ी गाडि़यों में बल लाने के साथ तीन बसें और एम्बुलेंस लाई गई और दिव्यांगों को जबरन उठाना शुरू कर दिया।
दिव्यांगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस ने उन्हें बसों में ठंूसा तो कई दिव्यांग बस की खिड़की से कूदने लगे। एक दिव्यांग बस के आगे जाकर लेट गया, लेकिन पुलिस ने सभी को उठा-उठाकर बस में बैठा दिया। रात साढ़े नौ बजे नीलम पार्क के गेट के दोनों ओर बेरीकेट्स लगाकर रास्ता बंद किया गया। पुलिस की बड़ी गाडि़यों में बल लाने के साथ तीन बसें और एम्बुलेंस लाई गई और दिव्यांगों को जबरन उठाना शुरू कर दिया।
पुलिसकर्मी दिव्यांगों को जबरन पकड़े हुए थे। वे रोते हुए सरकार को कोस और चिल्ला रहे थे। दिव्यांगों का कहना था कि सरकार ने पहले उनके साथ छल किया, अधिकारी उन्हें धोखे से उठाकर यहां छोड़ गए इसके बाद अब एक बार फिर उनके साथ धोखा हो रहा है। सरकार उनकी जायज मांगों को मानने के बजाए दूसरे रास्ते अपना रही है।