उल्लेखनीय है कि वार्ड ८० कार्यालय के पीछे साईंनाथ नगर में बनीं डेढ़ दर्जन से अधिक दुकानें नगर निगम रिकॉड्र्स में न होने से अवैध हैं। ऊपर से इनमें रहना या किसी को रखना गलत है भी गलत है। यहां चोरी की वारदातें तो आम हैं। लोग डर के मारे रात में बेफिक्र होकर सोते तक नहीं। न जाने कब चोर धावा बोल दें। घर के बाहर गाड़ी खड़ी करने पर क्षतिग्रस्त करना, घर के बाहर पड़ा सामान उठा ले जाना, शराब पीकर गाली-गलौच मारपीट और अच्छे परिवारों की महिलाओं/बेटियों को घूरना जैसी हरकतों के आरोप भी इन लोगों पर लगे। कुछ रहवासियों से तो आएदिन विवाद होता रहता है।
पिछले दिनों साईंनाथ नगर व महाबली नगर के कई घरों में चोरी की वारदातें की गई थीं। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने भी इन तत्वों पर संदेह जताते हुए माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सेवारत डॉ. मणि नायर ने तो पुलिस को चोरी के वीडियो फुटेज भी उपलब्ध कराए थे, लेकिन पुलिस ने आरोपियों को दबोचने में जहमत नहीं उठाई। इसके सिवा विशाल अग्रवाल, विजय अग्रवाल, अविनाश गोडके, रिम्पी वालिया, देशमुख आदि के यहां हुई चोरी की घटनाओं में इन लोगों पर संदेह किया गया था, लेकिन ढंग से तहकीकात नहीं की गई।
पुलिस मान रही थी कि देर रात वारदात करने बाहर से चोर नहीं आएंगे। यहां चोरों ने रात दो बजे से चार बजे तड़के तक अधिकांश वारदातें की हैं। उनके निशाने गाडिय़ों की बैटरी, पेट्रोल, स्टेपनी, इनवर्टर, नल की टोंटियां, पाइप, टंकी के ढक्कन आदि सामान रहते हैं। कॉलोनी की स्थिति और सब रास्ते स्थानीय लोगों को ही पता होते है, जो दिन में इधर-उधर बैठकर रेकी कर लेते हैं। करीब पांच वर्ष यहां एक चौकीदार का मर्डर कर लाश को मंदिर के पीछे लटका दिया गया था। इसके बाद भी इन लोगों को यहां से नहीं हटाया गया।
मैं कुछ दिन पूर्व ही आया हूं, इसलिए इस मामले के बारे में अधिक पता नहीं है। पूरा मामला पता करके दुकानों में रह रहे लोगों की गहराई से जांच-पड़ताल की जाएगी और इन्हें हटाने के लिए प्रशासन का पूरा सहयोग किया जाएगा।
सुनील कुमार वर्मा, टीआइ, कोलार रोड थाना