प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वे सरताज सिंह की नाराजगी से सहमत नहीं हैं। और अगर उनको कोई तकलीफ है या शिकायत है तो वह उचित जगह पर जाकर बात करें। लेकिन सार्वजनिक बयान से सरताज सिंह जैसे वरिष्ठ नेता को बचना चाहिए।
ये दिया था बयान…
पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह ने एक बयान में कहा था कि इस समय पार्टी में घुटन महसूस हो रही है। भाजपा में माहौल ठीक नहीं रह गया है।
पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह ने एक बयान में कहा था कि इस समय पार्टी में घुटन महसूस हो रही है। भाजपा में माहौल ठीक नहीं रह गया है।
पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सरताज सिंह ने यह भी कहा कि कुछ लोग मुझे कई सालों से हटाना चाहते हैं। मुझे मिटाने में लगे हुए हैं। सिंह मीडिया से बात करते हुए काफी परेशान नजर आ रहे थे। इसलिए उन्होंने चुनावी राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं थक गया हूं, उम्रदराज हो गया हूं, इसके बाद पांच माह बाद होने वाला चुनाव नहीं लड़ुंगा।
ये किया खुलासा…
इसके बाद उनके द्वारा किए गए एक ओर खुलासे ने हलचल मचा दी है। सरताज सिंह ने मीडिया को चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार है। सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही जब वे अस्पताल में भर्ती थे तब अस्पताल का बिल पास करवाने के लिए उनसे कमीशन की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि जब विधायक के साथ ऐसा हो सकता है ति आम लोगों के साथ क्या होता होगा।
इसके बाद उनके द्वारा किए गए एक ओर खुलासे ने हलचल मचा दी है। सरताज सिंह ने मीडिया को चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार है। सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही जब वे अस्पताल में भर्ती थे तब अस्पताल का बिल पास करवाने के लिए उनसे कमीशन की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि जब विधायक के साथ ऐसा हो सकता है ति आम लोगों के साथ क्या होता होगा।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ VIDEO:
पूर्व मंत्री सरताज सिंह का वो वीडियो भी सोशल मीडिया पर आ गया है, जिसमें वे अपने अस्पताल के बिल को पास करने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी।
पूर्व मंत्री सरताज सिंह का वो वीडियो भी सोशल मीडिया पर आ गया है, जिसमें वे अपने अस्पताल के बिल को पास करने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी।
उल्लेखनीय है कि इस दिग्गज भाजपा नेता का बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा प्रदेश में पांच माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। जानकारों की माने तो इन सब छोटी-छोटी बातों का असर आने वाले चुनावों में पड़ सकता है। सरताज सिंह के साथ ही बाबूलाल गौर ने भी दो दिन पहले अपनी ही सरकार पर निशाना साधा था।
और क्या कहा सरताज सिंह ने…
– पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके सरताज सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व ही कमजोर है, हम जनता का विश्वास खो चुके हैं।
– कुछ कमियां नहीं सुधारी गईं तो आने पांच माह बाद होने वाले चुनाव में भाजपा को पछताने पड़ेगा।
– सरताज सिंह ने कहा कि अफसरशाही के कारण भी जनता परेशान हैं। प्रशासन के अधिकारी हमारी नहीं सुनते। बिजली विभाग हो या राजस्व विभाग सबकी जगह अफसरों की ही मर्जी चल रही है। आम जनता की परेशानी दूर नहीं की जाती है।
– भाजपा नेता ने कहा कि किसान, आम जनता और युवा वर्ग सरकार से नाराज हो गए हैं। हम सब जनता का विश्वास खो चुके हैं।
– पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके सरताज सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व ही कमजोर है, हम जनता का विश्वास खो चुके हैं।
– कुछ कमियां नहीं सुधारी गईं तो आने पांच माह बाद होने वाले चुनाव में भाजपा को पछताने पड़ेगा।
– सरताज सिंह ने कहा कि अफसरशाही के कारण भी जनता परेशान हैं। प्रशासन के अधिकारी हमारी नहीं सुनते। बिजली विभाग हो या राजस्व विभाग सबकी जगह अफसरों की ही मर्जी चल रही है। आम जनता की परेशानी दूर नहीं की जाती है।
– भाजपा नेता ने कहा कि किसान, आम जनता और युवा वर्ग सरकार से नाराज हो गए हैं। हम सब जनता का विश्वास खो चुके हैं।
इधर, नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल…
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि आश्चर्य है कि चुनाव आयोग से अयोग्य घोषित मंत्री चुनाव सुधार समिति के अध्यक्ष!
इससे समिति की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि जिस कमेटी का अध्यक्ष ही चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित हो और जिसने उस आदेश को ही मानने से इनकार कर दिया, वह चुनाव सुधार पर क्या अनुशंसा करेगा यह अपने-आप में मुख्यमंत्री का गजब का अजब निर्णय है।
जानकारों का मानना है कि अजय सिंह ने मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर निशाना साधते हुए ये प्रहार सीधे सीएम पर किया है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि आश्चर्य है कि चुनाव आयोग से अयोग्य घोषित मंत्री चुनाव सुधार समिति के अध्यक्ष!
इससे समिति की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि जिस कमेटी का अध्यक्ष ही चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित हो और जिसने उस आदेश को ही मानने से इनकार कर दिया, वह चुनाव सुधार पर क्या अनुशंसा करेगा यह अपने-आप में मुख्यमंत्री का गजब का अजब निर्णय है।
जानकारों का मानना है कि अजय सिंह ने मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर निशाना साधते हुए ये प्रहार सीधे सीएम पर किया है।