सोमवार को सरकार द्वारा सैलरी का भुगतान किए जाने के आश्वासन के बाद वह हड़ताल से वापस लौट गए। रविवार को सैलरी न मिलने से नाराज होकर 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए थे।
हडताल के चलते 108 एम्बुलेंस सेवा पूरे प्रदेश में रविवार से बंद हो गई थी। कर्मचारी सैलरी नहीं मिलने से नाराज थे। कर्मचारी 108 एंबुलेंस चलाने वाली कंम्पनी जिगित्सा का ठेका भी खत्म करने की मांग कर रहे थे।
कर्मचारियों की हड़ताल के चलते प्रदेश भर में चलने वाली 600 एंबुलेंस रुक जाने से कल रविवार को दिन भर मरीज परेशान होते रहे। एंबुलेंस के कर्मचारियों का कहना है कि उनका झगड़ा मरीजों और सरकार से नहीं बल्कि कांट्रेक्टर कंपनी जिगित्सा से है। सोमवार सुबह प्रबंधन और कर्मचारी यूनियन के बीच हुई चर्चा के बाद कर्मचारियों ने अपनी हडताल समाप्त कर वापस अपने काम पर लौट आए।
गौरतलब है कि इमरजेंसी में 108 एंबुलेंस द्वारा हर रोज राजधानी में 300 से ज्यादा मरीजों को इमरजेंसी सेवाएं दे जाती है। इनके बंद होने से मरीजों को निजी वाहन या आॅटो से अस्पताल आना पडा। राजधानी में इन दिनों कुल 17 एंबुलेंस हैं, जो चालू हालत में हैं और वो मरीजों को अस्पताल रेफर करने का काम करती है। इसके अलावा प्रदेश में कुल 600 एंबुलेंस हैं, जिससे हजारों की संख्या में मरीजों को त्वरित उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया जाता है।
इससे पहले 108 एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारी सैलरी नहीं मिलने के चलते रविवार को नाराज होकर हडताल के चलते गए थे, जिसके कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था।