कमलनाथ का यह बयान उस समय आया है जब चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की संभावना को सिरे से खारिज कर चुका है। कमलनाथ के इस बयान के बाद अब यह संभावना बनने लगी है कि एक साथ चुनाव कराए जाने की संभावना मूर्त रूप ले रही है। शनिवार को भोपाल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि क्या वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इस पर उन्होंने यह जवाब दिया। साथ ही यह भी कहा कि एक साथ चुनाव का फैसला हो जाता है तो यह भी तय हो जाएगा कि वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
गौर सच्चाई जानते हैं –
भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर द्वारा कमलनाथ की तारीफ पर सियासत गरमाने पर कमलनाथ ने कहा कि गौर सच्चाई जानते हैं, इसलिए उन्होंने सच कहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री के नाते मैंने मध्यप्रदेश को विकास कार्यों के लिए सर्वाधिक पैसा दिया। एक अन्य सवाल पर कमलनाथ बोले गौर तो क्या वे तो शिवराज को भी भाजपा में शामिल होने का आमंत्रण देते हैं। जितने नोट चलन में थे उससे अधिक आए।
नोटबंदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जितने नोट चलन में थे उससे अधिक नोट वापस आ गए। नोटबंदी के दौरान यही तर्क दिया गया था कि इससे कालाधन का पता चल जाएगा, लेकिन एेसा नहीं हो सका। उन्होंने वादा किया कांगे्रस सरकार आई तो रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष के होने के नाते वे घोषणा नहीं कर रहे हैं बल्कि वचन दे रहे हैं। घोषणाएं तो दूसरी पार्टी करती हैं।