नवंबर में चुनाव के कारण भी पक्ष और विपक्ष में तल्खी की स्थिति है, इसलिए अभी तक अनुपूरक बजट को लेकर सत्र बुलाना तय नहीं हो सका है। इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग जैन को खर्चों के लिए दूसरे रास्ते तलाशने के लिए कहा था। ताकि खर्चा आसानी से निकल सके। इसके बाद निराश्रित निधि को अन्य मदों में खर्च किया जाने लगा है। इससे सड़क से लेकर शाला भवन निर्माण तक किए जा रहे हैं।
एेसे हैं खर्च के हालात
सरकार को दिसंबर मध्य तक का खर्च चलाना है, क्योंकि सितंबर के अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में आचार संहिता लगने की संभावना है। जबकि, चुनाव के कारण खर्च अधिक बढ़ गए हैं। भावांतर योजना, संबल योजना, बिजली बिल माफी व फ्लैट रेट सहित अन्य खर्च अतिरिक्त हैं, जो मुख्य बजट में शामिल नहीं थे। सरकार दिसंबर तक अनुपूरक बजट भी नहीं ला सकेगी। इस कारण खर्च का दबाव ज्यादा है। कई जगह इसी कारण वेतन भुगतान में भी दिक्कत आ चुकी है।
सरकारी खजाने के हालात ठीक है। नई योजनाओं के लिए बजट का इंतजाम किया जा चुका है। निराश्रित निधि को तो पहले से तय मदों में खर्च किया जा रहा है। केंद्र से बची राशि का भुगतान भी जल्द हो जाएगा।
जयंत मलैया, वित्त मंत्री