सिंघार ने दिग्विजय के उस बयान का जवाब दिया है जिसमें उन्होंने सवाल उठाया था कि मंत्री कैसे पिछली भाजपा सरकार को क्लीनचिट दे सकते हैं। दिग्विजय ने सिंघार को नसीहत देते हुए यह भी कहा था कि मैं नर्मदा किनारे 3100 किमी चला हूं, वे कितना पैदल चले हैं।
सिंघार ने पत्र में ये लिखा
इसके जवाब में सिंघार ने पत्र में लिखा कि यदि बयान देने से पहले उनसे बात कर लेते या विधानसभा के जवाब का अध्ययन कर लेते तो उनसे ऐसी गलती नहीं होती। मंत्री ने दिग्विजय को सलाह देते हुए कहा कि प्रदेश में पार्टी कैसे मजबूत हो, इस पर उन्हें सोचना चाहिए। चिट्ठी के साथ सात पेज के दस्तावेज भी लगाए हैं। बताया जाता है कि देर रात चिठ्ठी दिग्विजय तक पहुंच भी गई।
मैंने लिखा है पत्र
मंत्री उमंग सिंघार ने पत्रिका से कहा, मैंने पत्र के माध्यम से अपनी पीड़ा बयां की है। मैंने वही लिखा है, जो सच है। पत्र के साथ प्रमाण भी दिए हैं। बाकी कुछ नहीं कहना।
जयवद्र्धन बोले, क्लीनचिट नहीं
दिग्विजय के पुत्र मंत्री जयवद्र्धन सिंह ने कहा, सिंहस्थ घोटाले में कोई क्लीनचिट नहीं दी है। जांच की रिपोर्ट हमारे विभाग तक नहीं आई है। जब भी आएगी, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पत्र पर बोले दिग्विजय सिंह
पत्र का जवाब मैंने पत्र के माध्यम से दे दिया है। वही मंत्रियों की नाराजगी पर दिग्विजय सिंह ने कहा, मुझे जो कहना था मैंने पत्र के माध्यम से बोल दिया है।