सामान्य शहरों में तो कई बार लोग रॉग साइड या आदि चले जाते हैं इस पर पुलिस कार्रवाई भी करती है, लेकिन किसी राजधानी का हाल ऐसा होना समझ के बाहर ही लगता है। क्योंकि राजधानी में तो पुलिस हमेशा ही एक्टिव मानी जाती है।
ये सारी स्थिति बनी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एमपी नगर जैसे मुख्य बिजनेस क्षेत्र की सड़क पर। दरअसल सोमवार को हुए इस ट्रैफिक जाम के चलते हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
वहीं पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं किए जाने से लोग घंटों जाम में फंसे रहे। स्थिति यहां तक आ पहुंची की गाड़ी बमुश्किल एक घंटे में एक किलोमीटर का सफर तय कर पा रहीं थीं।
इसके चलते जहां एक ओर हॉस्पिटल जा रहे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं दूसरी ओर हबीबगंज जाने वाले कई यात्री देरी से स्टेशन पहुंच सके। इनके अलावा अन्य लोग जो घरों को या इस मार्ग से कहीं ओर जा रहे थे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
ये था पूरा मामला:
दरअसल सोमवार की शाम जहां गुरुदेव मोहन गुप्त चौराहे पर लोगों ने बलात्कारियों को सजा दिलाने के लिए कैडिल जलाए वहीं इसी बीच यहां भगवान परशुराम की शोभायात्रा आ पहुंची, जिसके चलते मार्ग में जाम की स्थिति भयावह हो गई।
दरअसल सोमवार की शाम जहां गुरुदेव मोहन गुप्त चौराहे पर लोगों ने बलात्कारियों को सजा दिलाने के लिए कैडिल जलाए वहीं इसी बीच यहां भगवान परशुराम की शोभायात्रा आ पहुंची, जिसके चलते मार्ग में जाम की स्थिति भयावह हो गई।
वहीं रेलवे का कार्यक्रम और वीआईपी मूवमेंट के कारण भी सोमवार शाम चेतक ब्रिज से लेकर शिवाजी नगर तक 4 घंटे तक हजारों लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। वहीं इस दौरान ट्रैफिक पुलिस अधिकतर स्थानों से नदारद रही।
चेतक ब्रिज के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में लोगों को एक घंटे से भी ज्यादा समय लगा। ऐसे में कुछ वाहन चालकों ने गौतम नगर के रास्ते रचना नगर अंडरब्रिज से निकलने की कोशिश की, लेकिन वे भी जाम में फंस गए। स्थिति यह थी कि प्रेस कॉम्प्लेक्स से लेकर मैदामिल तक हजारों वाहनों की कतार लग गई।
इस पूरी बदइंतजामी के पीछे कारण पुलिस का ट्रैफिक मैनेजमेंट फेल होना रहा। वहीं प्रगति पेट्रोल पंप चौराहे पर हर ओर से आई गाड़ियों ने चौराहे को जाम कर दिया। वहीं कई लोग इस दौरान जाम से बचने के लिए रॉग साइड में भी घुसते दिखे।
ट्रैफिक व्यवस्था ठप…
इस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था तकरीबन पूरी तरह से ठप हो गई। सभी वाहन दूसरे वाहन के चलते ऐसे फंसे की एक एक इंच चलना तक मुश्किल हो गया। इस दौरान चौराहों पर कहीं भी ट्रैफिक पुलिस देखने को नहीं मिली।
इस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था तकरीबन पूरी तरह से ठप हो गई। सभी वाहन दूसरे वाहन के चलते ऐसे फंसे की एक एक इंच चलना तक मुश्किल हो गया। इस दौरान चौराहों पर कहीं भी ट्रैफिक पुलिस देखने को नहीं मिली।
जिसके चलते कई वाहन बीआरटीएस मार्ग में जा घुसे और वहीं से अपने लिए रास्ता बनाते देखे गए। वहीं पुलिस ट्रैफिक जाम को खत्म कराने का काम छोड़कर सीएम हाउस से शिवाजी नगर स्थित परशुराम मंदिर तक मुख्यमंत्री के काफिले का ट्रैफिक प्लान बनाने में व्यस्त रही।
इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने वीआईपी मूवमेंट के नाम पर नानके पेट्रोल पंप तिराहा, शिवाजी नगर तिराहा और बोर्ड ऑफिस चौराहे पर ट्रैफिक को कुछ समय के लिए रोका भी था। रेंगते रहे हजारों वाहन, ट्रैफिक पुलिस फेल…
सूत्रों के अनुसार ट्रैफिक डायवर्जन को लेकर पुलिस ने कोई प्लान नहीं बनाया था, जिसके चलते ही यह जाम की स्थिति निर्मित हुई। जबकि शोभायात्रा आयोजन समिति को यातायात बाधित नहीं होने की शर्त पर चल समारोह की अनुमति दी थी।
सूत्रों के अनुसार ट्रैफिक डायवर्जन को लेकर पुलिस ने कोई प्लान नहीं बनाया था, जिसके चलते ही यह जाम की स्थिति निर्मित हुई। जबकि शोभायात्रा आयोजन समिति को यातायात बाधित नहीं होने की शर्त पर चल समारोह की अनुमति दी थी।
जानकारों के अनुसार इसके साथ ही कार्यक्रम की अनुमति देते समय सोमवार को वर्किंग डे और शाम 5 बजे सरकारी दफ्तरों की छुट्टी के समय को भी पुलिस ने ध्यान में नहीं रखा, जिसका परिणाम सोमवार की शाम सड़क पर सामने था।
कार्यक्रम की अनुमति पीक अाॅवर्स में नहीं दी जानी चाहिए थी। आगे किसी भी कार्यक्रम को अनुमति देने से पहले इसका ध्यान रखा जाएगा।
– धर्मेंद्र चौधरी, डीआईजी इधर,मुख्यमंत्री के सामने नारेबाजी…
शिवाजी नगर स्थित परशुराम मंदिर के सामने आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण के बाद ब्राह्मण समाज के युवकों ने आरक्षण खत्म करने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। वे हाथ में तख्ती लिए पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे थे।
– धर्मेंद्र चौधरी, डीआईजी इधर,मुख्यमंत्री के सामने नारेबाजी…
शिवाजी नगर स्थित परशुराम मंदिर के सामने आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण के बाद ब्राह्मण समाज के युवकों ने आरक्षण खत्म करने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। वे हाथ में तख्ती लिए पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे थे।
उनकी मांग थी कि आरक्षण सिर्फ आर्थिक आधार पर दिया जाए। ऐसे में सीएम को बीच में भाषण रोकना पड़ा। हंगामा बढ़ता देख आयोजकों ने मुख्यमंत्री को पीछे के रास्ते से बाहर निकाला। लेकिन नारेबाजी कर रहे लोग शांत नहीं हुए। कार्यक्रम में मौजूद ज्यादातर लोग इन युवाओं का समर्थन करते देखे गए। यह सारा घटनाक्रम करीब 10 मिनट चला।