प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्यकर्ताओं द्वारा बैरिकेंड्स फैंकने के बाद पुलिस द्वारा चेतावनी दी गई, जिसके जवाब में कार्यकर्ताओं की और से पुलिस की ओर पत्थर उछाले गए। इस दौरान खास बात ये रही कि, भोपाल DIG इरशाद वली तुरंत ही माइक लेकर लाठीचार्ज न करने का अनाउंस करते रहे, लेकिन पुलिस ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। घटना में मची भगदड़ के दौरान कई NSUI कार्यकर्ता घायल भी हुए, जबकि प्रदेश सचिव अभिमन्यु तिवारी सड़क पर बेहोश हो गए। फिलहाल, उन्हें अन्य कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, NSUI कार्यकर्ताओं का आरोप है कि, ‘पुलिस की पिटाई से प्रदेशसचिव बेहोश हुए हैं।’
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मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे कार्यकर्ता
आपको बता दें कि, शिक्षा बचाओ-देश बचाओ अभियान के तहत गुरुवार को एनएसयूआई कर्यर्ता सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे। इससे पहले वो सभी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर इकट्ठे हुए थे। यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक कुणाल चौधरी, NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, NSUI के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी भी मौजूद थे।
ये था मामला
तय समय पर जब सभी एनएसयूआई कार्यकर्ता मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए रेडक्रॉस अस्पताल के चौराहे पर बैरिकेडिंग कर दी। आपात स्थिति में भी़ को तितर बितर करने के लिए वॉटर कैनन भी तैनात किए गए थे। इसके साथ ही, मौके पर कलेक्टर अविनाश लवानिया और DIG इरशाद वली ने मोर्चा संभाल रखा था। DIG कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्वक गिरफ्तारी देने की बात कर रहे थे, तभी बैरिकेडिंग के पास पहुंचे कार्यकर्ताओं में से किसी ने पुलिस की तरफ पत्थर उछाल दिये, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर सीधे लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान कई कार्यकर्ता घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी की।
कमलनाथ का सरकार पर निशाना
मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि, आदिवासी छात्रों की रुकी स्कॉलरशिप जारी करने और रोजगार देने की मांग को लेकर NSUI प्रदर्शन कर रही थी। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्रों पर शिवराज सरकार के इशारे पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया। उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस लाठीचार्ज में कई छात्र व NSUI के पदाधिकारी घायल हुए हैं। सरकार छात्रों को रोजगार दे नहीं रही, उनकी मांग मान तो नहीं रही, लेकिन उनपर लाठियां जरूर बरसा रही है। यह सरकार का तानाशाही रवैया है।