अरेबियन नाइट्स पर आधारित अलादीन का मंचन
वहीं, अरेबियन नाइट्स पर आधारित अलादीन का मंचन कलाकारों ने अपने कलात्मक कठपुतली संचालन माध्यम से किया। यह कहानी अलादीन नामक एक गरीब लड़के की कहानी है, जो अपनी मां के साथ रहता है। एक दिन अचानक ही एक पहाड़ी दर्रे में उसे बहुत सारा धन और एक चिराग मिलता है। अलादीन उसे अपने घर लाता है और मां को दिखता है, अचानक ही घिस जाने की वजह से चिराग से जिन निकल आता है। जिन बताता है कि वह चिराग के मालिक का वह गुलाम है और उनका हर हुक्म पूरा कर सकता है। इस तरह जिन अलादीन की सारी फरमाइशें पूरी करता है।
इस प्रस्तुति को लगभग 20 कठपुतलियों की मदद से मंचित किया गया। इस प्रस्तुति की समय सीमा लगभग 1 घंटा 10 मिनट रही। इस प्रस्तुति का निर्देशन प्रदीपनाथ त्रिपाठी ने किया। छड़ कठपुतली शैली में स्क्रीन के पीछे से कठपुतली कलाकार छड़ी से इन्हें नियंत्रित करता है। यह मुख्य रूप से पूर्वी भारत की लोकप्रिय शैली है। प्रस्तुति के दौरान प्रदीपनाथ त्रिपाठी, नितेश कुमार, सोमेंद्र प्रताप सिंह, तनय पाण्डेय, मोहम्मद बबलू, विकास दुबे, दीपक शर्मा, नागपाल, गीता साहू, कृष्ण कुमार राय, रमाकांत शुक्ल और राजवीर रतन ने अपने कलात्मक कठपुतली संचालन कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रस्तुति के दौरान प्रकाश संचालन में संजू श्री ने सहयोग किया।