कल से लागू हो जाएगा लव जिहाद के खिलाफ कानून, शिवराज सरकार लाएगी अध्यादेश
योगी सरकार की तरह एमपी में लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाएगी सरकार, कैबिनेट बैठक में मंजूरी कल।

भोपाल/ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र अधिनियम 2020 लागू करने जा रही है। कल कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश को मंजूरी मिल जाएगी। बता दें कि, इससे पहले 26 दिसंबर को कैबिनेट में विधेयक को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के स्थगित होने के कारण अब सरकार इस कानून को अध्यादेश के माध्यम से लागू करने जा रही है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार इसे राज्यपाल से स्वीकृति के लिये भेजेगी।
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राज्यपाल जल्द लगाएंगी अध्यादेश पर मुहर
आपको बाता दें कि, मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल सोमवार को राजधानी भोपाल पहुंच चुकी हैं। माना जा रहा है कि, राज्यपाल इस कानून की मौखिक स्वीकृति तो रखती है, वो जल्द ही इस अध्यादेश पर मुहर भी लगा देंगी। क्योंकि, इससे पहले 26 नवंबर को आनंदी बेन ने ही उत्तर प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। हालांकि, यूपी में विधानसभा सत्र न होने के कारण अध्यादेश के माध्यम से लाया गया था, जबकि मध्य प्रदेश में विधानसभा सत्र प्रस्तावित था, लेकिन स्थगन के कारण यहां इसे अध्यादेश के रास्ते लाया जा रहा है। फिलहाल, राज्यपाल की मुहर लगते ही इसे राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद इस अध्यादेस को छह महीने के भीतर स्वीकृत कराना होगा। ऐसे में इस बजट सत्र में इसे पेश किया जा सकता है।
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इन 10 मुख्य बिंदुओं पर आधारित होगा बिल
-बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबर्दस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान। ये गैर जमानती अपराध होगा।
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
-बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल की सजा का प्रावधान होगा।
-धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकेगी।
-सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी माना जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा दी जाएगी।
-जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा।
-इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किये जाएंगे।
-इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही कानूनी कार्रवाई होगी।
-अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन की श्रेणी में नहीं माना जाएगा।
-पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण का हक हासिल करने का प्रावधान रहेगा।
-आरोपी को ही निर्दोष होने के सबूत प्रस्तुत करने होंगे।
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