नए प्लानिंग एरिया में भोपाल और सिहोर के 100 गांवों को कैचमेंट एरिया में शामिल करने का फैसला हुआ है। इधर चार साल पुरानी अहमदाबाद की जिस सेप्ट यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट को पूरी कवायद का आधार बनाया गया है। यूनिवर्सिटी के मौजूदा डायरेक्टर नितिन राजे ने कई सवाल खड़े किए हैं। बुच मेमोरियल व्याख्यान में शामिल होने आए राजे ने चर्चा में तालाब की मौजूदा हालत पर चिंता जताई।
कैचमेंट में सीवर लाइनों को बंद कर यहां बॉटनीकल पार्क बनाने जैसी अनुसंशाएं की गई थीं। बीएमसी ने फाउंटेन की बजाए वन विहार के पास लेजर शो स्टेडियम बना लिया वहीं बॉटनीकल पार्क की जगह मैरिज गार्डनों ने ले ली।
पूर्व मुख्य सचिवों को दिए जवाब
सिटी डेवलपमेंट और वॉटर बॉडी पर सेप्ट की अर्तंराष्ट्रीय रिसर्च पर राजे ने पूर्व मुख्य सचिव आर परशुराम और अंटोनी जेसी डिसा से भी चर्चा की। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि तालाब शहर के लिए ह्दय का काम करते हैं। इनके आसपास बॉटनीकल गार्डन प्रदूषण नियंत्रित करने में प्रभावी हैं लेकिन भोपाल में इनके स्थानों पर कांक्रीट कंस्ट्रक्शन बढ़ रहे हैं। इस मौके पर नगरीय प्रशासन आयुक्त गुलशन बामरा भी मौजूद रहे। सेप्ट रिपोर्ट अगस्त 2014 में जमा हुई थी।
ये है हकीकत
एप्को की रिपोर्ट में बड़ा तालाब के पानी को सी केटेगरी का पाया गया है। इस पानी से सिंचाई हो सकती है और वैज्ञानिक तरीके से फिल्टर करने के बाद भी इसे पीने योग्य नहीं बनाया जा सकता।
खानूगांव, बैरागढ़, श्यामला हिल्स, पुराने शहर से अनेक सीवर लाइनें और नाले सीधे आकर तालाब में गिरते हैं।निगम ने इस पानी को फिल्टर करने प्लांट इसे पानी पूरी तरह से साफ नहीं कर पाते हैं।
3200 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैले बड़ा तालाब में खानूगांव के कब्जे, बैरागढ़ के मैरिज गार्डन, सिहोर के गांव तेजी से घुसते जा रहे हैं।
नगर निगम भवन आज भी अतिक्रमणग्रस्त इलाकों में बिल्डिंग परमिशन जारी कर रही है। बोला ये जा रहा है अनुमती नामांतरण देखने के बाद दी जा रही हैं।
खुद नगर निगम ने वॉटर वॉल और भोज की कथा प्रदर्शित करने वन विहार के पास पक्का निर्माण कर लिया है। पुराने मास्टर प्लान में साफतौर से इस तरह के निर्माण पर पाबंदी है।