यहां निर्माण कार्य और सौन्दर्यीकरण राजधानी परियोजना के तहत कराया जा रहा है। सड़क के बीच सेंट्रल वर्ज को खूबसूरत बनाने यहां पेड़ पौधे लगाए गए इसके साथ ही प्रभात चौराहे से लेकर अशोका थाने तक सड़क के बीच चार फव्वारे भी लगे। करीब दो साल पहले ये निर्माण हुआ लेकिन इन फव्वारों से अब तक एक बूंद पानी भी नहीं टपका। जो पानी की लाइन इन्हें जोडऩे के लिए बिछाई गई उसमें इतने लीकेज हैं कि पानी सड़क पर ही बह गया।
दिखावा साबित योजना
ऐसे में योजना केवल दिखावा साबित हुई। करीब दो करोड़ की लागत से यहां विकास हुए। इनमें सड़क के निर्माण से लेकर सेंट्रल वर्ज में सुधार भी शामिल था। 0000
ऐसे में योजना केवल दिखावा साबित हुई। करीब दो करोड़ की लागत से यहां विकास हुए। इनमें सड़क के निर्माण से लेकर सेंट्रल वर्ज में सुधार भी शामिल था। 0000
विवेकानंद वीथिका पर भी हुआ था विवाद इस क्षेत्र में विवेकानंद वीथिका नाम से पार्क का निर्माण हुआ। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ये पूरा हो गया लेकिन आचार संहिता के कारण उद्धाटन नहीं हो पाया। नई सरकार बनने के बाद उद्घाटन को लेकर काफी विवाद हुआ।
इनका कहना …. इस सड़क पर सीपीए के जरिए ही विकास हो रहा है। सड़क के बीच फव्वारे क्यों नहीं चल रहे इस मामले में जानकारी लेने के बाद पता पाउंगा। जवाहर सिंह, राजधानी परियोजना