डेढ़ साल की उम्र में पोलियो से खराब हो गया था पैर, क्रिकेट के शौक ने पहुंचाया टीम इंडिया तक
भारतीय दिव्यांग टी-20 क्रिकेट टीम का हिस्सा बने बृजेश ने बने भारतीय टीम का हिस्सा

भोपाल। डेढ़ साल की उम्र में पोलियो की वजह से उनका बायां पैर खराब हो गया था, बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था, लेकिन शरीर के साथ नहीं देने के कारण खेल नहीं पाते थे। इलाज के बाद 6 साल की उम्र में पूरी तरह क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। अब भारतीय दिव्यांग टी-20 क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर की भूमिका निभाएंगे। हम बात कर रहे हैं मप्र के दिव्यांग क्रिकेटर बृजेश द्विवेदी की। उनका चयन तमिलनाडु में 19 मार्च से होने वाले इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने वाली भारतीय टीम में किया गया है। वे तीन मैचों में प्रतिभा प्रदर्शित करेंगे।
विश्व कप में जगह पाने टिकी हैं निगाहें
बृजेश ने बताया कि यह अवसर खास है क्योंकि श्रीलंका की टीम पूरे एशिया महाद्वीप में श्रेष्ठ टीम है और गत दिनों में परफॉर्मेंस बेस्ट रहा है। यह सीरीज मेरे लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसके बाद 18 से 25 अप्रैल तक बांग्लादेश में 16 देशों के बीच वल्र्ड कप होगा, जो दिव्यांग क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। इस सीरीज में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करता हूं तो निश्चित तौर पर आने वाले इस महामुकाबले में मेरा चयन होगा। मैं इसके लिए महीनों से कड़ी मेहनत भी कर रहा हंू।
ऐसा रहा सफर
आईआईटी, इंदौर में डिप्टी मैनेजर के पद पर काम करने वाले बृजेश बताते हैं कि क्रिकेट में वापसी करने के बाद इंटर स्कूल स्तर की प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन के चलते 1999 में मध्यप्रदेश की राज्य स्तरीय दिव्यांग क्रिकेट टीम और 2003 में सेंट्रल रेलवे की दिव्यांग टीम में चयन हुआ। परिवारिक परिस्थितियों के चलते 2008 से 2014 तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। इस दौरान आईआईटी में नौकरी ज्वॉइन की। 2014 में इंटर आईआईटी स्टाफ स्पोट्र्स मीट से फिर खेलना शुरू किया। मार्च 2017 में अजमेर के नेशनल टूर्नामेंट में प्रदर्शन के आधार पर 2017 में पहली बार टीम में सिलेक्शन हुआ।
अब पाइए अपने शहर ( Bhopal News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज