ये है कांग्रेस की आपत्ति
असल में कांग्रेस की आपत्ति इस बात को लेकर है कि पूर्ववर्ती सरकार ने नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया। यहां तक की चयन समिति के सदस्य नेता प्रतिपक्ष की गैर मौजूदगी में नियुक्तियों को हरीझंडी दी गई। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी राज्यपाल को लिखित शिकायत करते हुए नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की थी।
आचार संहिता के पहले हुई थी नियुक्ति
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए तत्कालीन सरकार लंबे समय से प्रयासरत थी। कई बार की बैठक के बाद निर्णय नहीं हो सका। इसके बाद विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के ऐन पहले चयन समिति की बैठक हुई। इसमें तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह शामिल नहीं हुए। तीन सदस्यीय समिति में सीएम के अलावा एक कैबिनेट मंत्री और नेता प्रतिपक्ष सदस्य होते हैं। नेता प्रतिपक्ष की गैर मौजूदगी के बाद भी पांच सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को हरीझंडी दे दी गई। इनमें पूर्व डीजीपी सुरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के रिश्तेदार रिटायर्ड आइएएस अरुण पांडे, पूर्व संभागीय आयुक्त डीपी अहिरवार, सीएम सचिवालय में पदस्थ रहे आरके माथुर और पत्रकार विजय मनोहर तिवारी शामिल हैं। इन नियुक्तियों का मामला कोर्ट में भी लंबित है।
अब फिर से शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया
कमलनाथ सरकार में भी मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई है। आवेदन बुलाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त के लिए 105 आवेदन आए हैं। मुख्य सूचना आयुक्त के लिए राज्य के सूचना आयुक्त भी कतार में हैं। इनमें आरके माथुर, सुरेन्द्र सिंह, अरुण पाण्डेय और आत्मदीप शामिल हैं। रिटायर आइएएस और आइपीएस भी शामिल हैं। इनमें सुखराज सिंह, सीमा शर्मा, राकेश अस्थाना प्रमुख हैं। मालूम हो कि सूचना आयोग में तीन पद रिक्त हो रहे हैं। इनमें मुख्य सूचना आयुक्त केडी खान और सूचना आयुक्त आत्मदीप, सुखराज सिंह का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। रिक्त पदों पर राज्य सरकार को नियुक्ति करना है। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में चयन समिति गठित की गई है।