scriptमंत्रालय में बैठ दिखेगा प्रदेश में कहीं भी बचाव कार्य का लाइव, धर्मस्थल-मेले तक रहेंगे लाइव मानीटरिंग में | Live of rescue work anywhere in the state will be seen sitting in the | Patrika News

मंत्रालय में बैठ दिखेगा प्रदेश में कहीं भी बचाव कार्य का लाइव, धर्मस्थल-मेले तक रहेंगे लाइव मानीटरिंग में

locationभोपालPublished: Jul 09, 2021 08:59:16 pm

——— मंत्रालय में राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम व कंट्रोल एण्ड कमाण्ड सेंटर का लोकार्पण, शिवराज बोले- हाईटेक तरीके से पूरे प्रदेश बना आपदा नियंत्रण का नेटवर्क———————

madhya pradesh cm shivraj singh chouhan news

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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब बाढ़, भूकंप, आग सहित अन्य आपदा से निपटने के लिए पहले से ज्यादा तेजी से काम हो सकेगा। अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए इसके इंतजाम किए गए हैं। सीएम शिवराज ने शुक्रवार को राज्य मंत्रालय के एनेक्सी-2 में राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम व होम गार्ड मुख्यालय पर स्थापित राज्य स्तरीय कंट्रोल एण्ड कमाण्ड सेंटर का लोकार्पण किया। शिवराज ने कहा कि अब प्रदेश में आपदा प्रबंधन के लिए मजबूत नेटवर्क बन गया है। मंत्रलाय में सिचुएशन रूम में प्रदेश में होने वाले रेस्क्यू ऑपरेशन लाइव दिखेंगे। इससे यहां से सभी जगह बेहतर तरीके से मानीटरिंग हो सकेगी। यहां मुख्यमंत्री ने नदी में बचाव का मॉक लाइव डेमो भी वर्चुअली देखा।
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16 विभागों के लाइव फीड का उपयोग होगा-
राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम व राज्य स्तरीय कन्ट्रोल कमाण्ड सेंटर में 1000 एमबीपीएस लीज्ड लाइन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के डाटाबेस जैसे समस्त बांधों का अद्यतन जलस्तर, बांधों के गेट खोलने की अपडेट स्थिति, नदी गेज के माध्यम से नदियों का अद्यतन जल स्तर, मौसम विभाग का अपडेटेड डाटाबेस, डायल-100 तथा डायल-108 के एम्बुलेंस एवं वाहनों का रियल टाइम डाटाबेस, ट्रेफिक के 10,000 सी.सी.टी.वी. कैमरों की लाइव फीड, स्मार्ट सिटी के 500 कैमरों की लाइव फीड आदि प्राप्त होंगे। कुल 16 विभागों के लाइव फीड का उपयोग आपदा प्रबंधन में किए जाने की व्यवस्था रहेगी।
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धर्मस्थलों व मेला स्थलों की लाइव फीड-
विभिन्न धर्मस्थलों एवं मेला स्थलों की लाइव फीड भी सिचुएशन रूम व राज्य स्तरीय कन्ट्रोल कमाण्ड सेंटर को उपलब्ध होगी। इनमें आपदा की स्थिति निर्मित होने पर बेहतर प्रबंधन राज्य स्तर से सुनिश्चित हो सकेगा। जिलों में भी इसके सेंटर रहेंगे। सरकारी योजनाओं की मानीटरिंग व फील्ड सर्चिंग के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।
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