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गुजरात चुनाव के बाद इस्तीफा दे देगा भाजपा का ये बड़ा नेता, घोषणा कभी भी

locationभोपालPublished: Dec 14, 2017 12:07:39 pm

Submitted by:

Manish Gite

मर्डर केस में फंसे भाजपा सरकार के इस बड़े मंत्री की कुर्सी छिनना लगभग तय हो गया है। गुरुवार को सुबह प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे भोपाल पहुंचे और उन

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भोपाल। मर्डर केस में फंसे भाजपा सरकार के बड़े मंत्री की कुर्सी छिनना लगभग तय हो गया है। गुरुवार को सुबह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे भोपाल पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से काफी देर तक मंत्रणा की। दोनों के बीच मंत्री लाल सिंह आर्य को लेकर पद से इस्तीफा दिलवाने पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव के चलते वोटिंग में किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े इसलिए घोषणा शाम तक के लिए टाल दी गई। माना जा रहा है कि वोटिंग के बाद कभी भी उनके इस्तीफे की खबर आ सकती है।
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मंत्री के आरोपों पर गंभीर है भाजपा

केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले कुछ दिनों से फरार चल रहे प्रदेश के मंत्री लाल सिंह आर्य के मामले में तत्काल रिपोर्ट मांगी है। सहस्रबुद्धे इसी सिलसिले में भोपाल आए हुए हैं। भाजपा संगठन ने आर्य पर मर्डर का आरोप लगने और 6 बार से कोर्ट में पेश नहीं होने पर मीडिया में बनी सुर्खियों को गंभीरता से लिया है। कोर्ट की बार-बार अवमानना के कारण भाजपा की किरकिरी भी हो रही थी।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व ने इस मंत्री की पूरी रिपोर्ट मंगवाई है। मंत्री आर्य की गिरफ्तारी होने से पहले उनसे इस्तीफा दिलवा दिया जाएगा। हालांकि इस्तीफे का फैसला गुजरात चुनाव की आज की वोटिंग के बाद कभी भी हो सकता है।
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मंत्री पर मर्डर का है आरोप
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश में मर्डर के आरोपी मंत्री लाल सिंह आर्य को लेकर सख्त हो गया है। 5 बार वारंट निकल जाने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं होने पर भिंड पुलिस ने मंगलवार को भोपाल स्थित मंत्री के बंगले की तलाशी ली थी और फरार होने का पंचनामा बनाया था। पुलिस ने सुरक्षा गार्ड को वारंट भी दे दिया था। बताया जाता है कि वे घर और दफ्तर में कहीं नहीं मिले थे। हालांकि कोर्ट के निर्देश के बाद मंत्री की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।
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5 दिसंबर को जारी हुआ था वारंट
कांग्रेस के पूर्व विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में आरोपी सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य की गिरफ्तारी का जिम्मा गोहद के एसडीओपी प्रवीण अष्ठाना को दिया गया है। हत्याकांड की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज योगेश कुमार गुप्ता ने 5 दिसंबर को मंत्री आर्य का गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। गिरफ्तारी वारंट तामील कराने के लिए पुलिस अधीक्षक या एसडीओपी रैंक के अधिकारी से कराने के आदेश दिए गए थे।
कांग्रेस विधायक की हत्या का है आरोपी
गौरतलब है कि 13 अप्रैल 2009 की रात आठ बजे गोहद के छरेंटा गांव में कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव को गोली मार दी गई थी। इस हत्याकांड में स्पेशल कोर्ट ने 24 अगस्त 2017 को सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य को भी आरोपी बनाया था। इसके साथ ही कोर्ट में पेश होने के लिए 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन मंत्री कोर्ट में अब पेश नहीं हुए। इसके बाद भी पांच बार वारंट जारी हो चुके हैं। कोर्ट में सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
इधर वारंट उधर दफ्तर में बैठे रहे मंत्री
माखन जाटव हत्याकांड में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य की गिरफ्तारी के लिए जब गोहद में उनके सरकारी आवास पर पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वे राजधानी स्थित मंत्रालय में अपने कक्ष में बैठकर सरकारी कामकाज निपटाते रहे। इस दौरान वह मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पांचवीं मंजिल स्थित सीएम चेंबर भी गए।
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सीएम ने कहा था इस्तीफा लेंगे
मंत्री लाल सिंह आर्य से मई माह में भी इस्तीफा लेने की अटकलें चली थीं, लेकिन राजनीतिक कारणों से इस्तीफा नहीं लिया गया। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी स्पष्ट कर दिया था कि आर्य का इस्तीफा ले लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने इसकी समय सीमा नहीं बताई थी।
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