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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को हुए संबोधन के बाद प्रदेश सरकार ने लोगों से सुझाव लेना शुरु कर दिया था, इन सुझावों में लॉकडाउन स्वरूप को लेकर कई तरीके की राय मिली। राज्य सरकार ने आम जनता से लॉकडाउन 4.0 को लेकर सुझाव मांगे थे। इसके तहत ऑनलाइन या फिर सीधे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों तक लोग अपने सुझाव दे सकते थे।
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मंत्रियों ने लिए सुझाव
आम जनता से सुझाव लेने का यह सिलसिला ऑनलाइन चलता रहा, जिसमें सभी पांच मंत्री- नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और मीना सिंह मौजूद थे। इस सुझावों के सभी मंत्री दिनभर लेते रहे। मंत्रियों ने सभी जिला कलेक्टर से भी सुझाव लिए। सभी से लिए गए सुझावों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजा गया और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा जाएगा। इसके बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इन सुझावों में से कुछ सुझाव आइए जानते हैं क्या मिले….
– सुझावों में से एक सुझाव रेड जोन वाले जिलों में भी कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर अन्य सभी जगहों पर गतिविधियों को शुरू करने का मिला है।
– वहीं कुछ कलेक्टरों ने सुझाव दिया है कि गाड़ियों के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाना चाहिये।
– कुछ सुझाव ग्रामीण इलाकों में गतिविधियां शुरू करने के मिले हैं।
– कुछ सुझाव रियायत के साथ लॉकडाउन को अभी जारी रखने के भी मिले हैं.
– इसी बीच उज्जैन और इंदौर संभाग के कलेक्टरों ने लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाए जाने का भी सुझाव दिया है।
– सरकार को एक सुझाव फीवर क्लीनिक खोलने का भी मिला। जिससे की स्वास्थ्य अमला ना पहुंचने पर व्यक्ति स्वयं जाकर अपनी जांच करवा सकता है।