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लोकसभा चुनाव में नुकसान से बचने के लिए भाजपा संगठन ने साधा मौन

locationभोपालPublished: Dec 16, 2018 03:08:54 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

लोकसभा चुनाव में नुकसान से बचने के लिए भाजपा संगठन ने साधा मौन

lok sabha election 2019 preparation news

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भोपाल. विधानसभा चुनाव में सत्ता गंवाने के बाद अब भाजपा में एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोडऩे और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। अब तक तकरीबन एक दर्जन नेताओं ने भाजपा की हार के लिए संगठन या बड़े नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। जमीन खिसकने से परेशान भाजपा के लिए यह एक नया संकट है।

फिलहाल भाजपा संगठन मौन साधे है। वो न तो भीतरघात करने वालों पर एक्शन के मूड में है, न ही हार के बाद बयानबाजी करने वालों पर। लोकसभा चुनाव तक पार्टी सिर्फ अपनी जमीन मजबूत करने की कवायद में जुटती नजर आ रही है।

गुस्सा बढ़ता गया: प्रत्याशी हार के लिए संगठन की नीति और दिग्गज नेताओं की भीतरघात को जिम्मेदार मान रहे हैं। ग्वालियर में जयभान सिंह पवैया ने किसी का नाम ने लेते हुए कहा था कि माहौल बदल देने वाले नेताओं की कलई खुल गई है। ऐसा ही इशारा बुरहानपुर में हार के बाद पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने किया था। अवधेश सिंह भदौरिया भी अपनी पीड़ा जनता के सामने जता चुके हैं।

इन्होंने खोला है मोर्चा

आभार यात्रा जैसे अघोरी परिश्रम की जरूरत नहीं: रघुनंदन
पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने कहा कि अब शिवराज सिंह चौहान आभार यात्रा जैसा अघोरी परिश्रम न ही करें तो अच्छा है। ऐसी यात्राओं की जगह संगठन को मजबूत करने के लिए ठोस उपाय करने की जरूरत है। हर जिले के कार्यकर्ताओं के साथ एक-एक दिन बैठकर विचार किया जाए। इससे कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास जागेगा। जो बयानबाजी कर रहे हैं, उनकी महत्वाकांक्षाएं हैं। अनेक कार्यकर्ता ऐसे हैं, जिनके मन में कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। हमें तो उन पर ध्यान देना है।

संगठन नहीं कर सका डैमेज कंट्रोल
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष होशंगाबाद से चुनाव तो जीत गए, लेकिन भाजपा छोड़ कांग्रेस में पहुंचे सरताज सिंह ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। सीताशरण शर्मा का कहना है कि बागियों, भीतरघातियों ने भाजपा को चुनाव में नुकसान पहुंचाया है। बगावत से कुछ सीटें भाजपा हार गई। शिवराज सिंह तो अपना काम करते रहे, लेकिन संगठन सही तरीके से डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाया।

अगर मैं जिम्मेदार होती तो इस्तीफा दे देती : यशोधरा
पूर्व मंत्री यशोधरा राजे ने नाम लिए बगैर चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर पर निशाना साधते हुए कहा कि ग्वालियर-चंबल में जो स्थिति बनी है, अगर मैं जिम्मेदार नेताओं की जगह होती तो पद से इस्तीफा दे देती। 20 साल में पहली बार टिकट बंटवारे के दौरान मेरी राय नहीं ली गई है। यदि मुझे पूछा जाता तो भाजपा को ज्यादा सीटें मिल सकती थीं। ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस अपनी लोकप्रियता से नहीं, बल्कि भाजपा में गलत टिकट बांटने की वजह से जीती है।

हालत नहीं होती : मेहदेले
पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले ने दावा किया कि पार्टी उन्हें पन्ना से चुनाव लड़ाती तो बुंदेलखंड यह स्थिति नहीं होती। बुंदेलखंड में भाजपा को 6 सीटों का नुकसान हुआ है। कुसुम ने कहा कि मैंने मेहनत करके जिले की पन्ना और पवई सीट तो जिता दी, लेकिन गुन्नौर गलत टिकट देने से हम हार गए। मैंने तो टिकट कटने के बाद भी मेहनत की।

नंदकुमार उतरे बचाव में, कहा कुछ कमजोरी सभी में होती है
इस बयानबाजी के बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान शिवराज और निशाने पर आ रहे संगठन के बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने कहा, नेता हार का ठीकरा दूसरों पर ना फोड़ें। कुछ कमजोरियां और कमियां सभी में होती हैं, हमें उस पर ध्यान देना चाहिए।

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