मध्यप्रदेश के जाने माने मनोचिकित्सक सत्यकांत त्रिवेदी ने विशेष तौर पर सोशल मीडिया पर मचे इस बवाल को रोकने की पहल की है। उनका कहना है कि फेसबुक और वाट्सअप का इस्तेमाल करने वाले लोगों को विवेक से काम लेना चाहिए।
त्रिवेदी ने कहा कि पिछले दिनों एक साधू ने कहा था कि किसी प्रत्याशी की जीत नहीं हुई तो वे समाधि ले लेंगे। अब रिजल्ट अनुकूल नहीं आने पर सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर लोग उनका मजाक बना रहे हैं। कई लोग उनके नंबर भी शेयर कर रहे हैं कि आप इनसे बात करें कि कब समाधि ले रहे हैं।
मनोचिकित्सक त्रिवेदी ने अपील की है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले सभी लोग इस समय सभी विवेक से काम लें। क्योंकि किसी को भी सेल्फ हार्म ( self harm ) के लिए उकसाना बेहद अनुचित है। कई बार लोग इसे सेल्फ रिस्पेक्ट का प्रश्न बना लेते हैं। प्रेस्टिज का इश्यू बना लेते हैं।
त्रिवेदी कहते हैं कि कई बार बरसों से चली आ रही परंपरा कि प्राण जाय पर वचन न जाए। इसे समझते हुए कई लोग सेल्फ हार्म कर सकते हैं। हमें पता नहीं कि उनकी टेंडेंसी कैसी है, ऐसा उनके साथ ऐसा किया जाना चाहिए।
जानिए क्या कहते हैं सत्यकांत त्रिवेदी, देखें video
क्यों सुर्खियों में आए वैराग्यानंद
वैराग्यानंद ने दिग्विजय सिंह को जिताने के लिए भोपाल में पांच क्विंटल लाल मिर्ची से यज्ञ किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि यदि दिग्विजय हार गए तो मैं जिंदा समाधि ले लूंगा। चुनाव परिणाम आने के बाद दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव हार गए हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग बाबा को खोजने में लग गए। इसके बाद लोगों ने वैराज्ञानंद गिरी का फोन नंबर ढूंढ लिया और शेयर करने लगे। इस दौरान वैराज्ञानंद गिरी के पास कई लोग फोन करके पूछने लगे।
आडियो भी हो गया वायरल
इस पोस्ट को वायरल करने के बाद कई लोग वैराज्ञानंद को फोन लगाने लगे और यह बात पूछने लगे। इसी बातचीत का एक आडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें व्यक्ति वैराज्ञानंद से समाधि लेने की बात पूछ रहा है, इस पर वे कह रहे हैं कि मैंने ठेका नहीं लिया है। अंततः सैकड़ों फोन पहुंचे के बाद वैराज्ञानंद ने अपना फोन ही बंद कर दिया।
निरंजनी अखाड़े से हटाए गए वैराज्ञानंद गिरी
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर वैराज्ञानंद गिरी का वीडियो और आडियो वायरल होने के बाद अखाड़े से हटा दिया गया है। हरिद्वार के निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने इसकी पुष्टी भी की है।