बरकतउल्ला विवि में पदस्थ प्रदेशभर में संचालित विश्वविद्यालयों के पहले लोकपाल शिशिरकांत चौबे ने पत्रिका को दिए गए अपने साक्षात्कार में यह बात कही। चौबे ने कहा कि अपने ३० वर्ष के न्यायिक कार्यकाल में उन्होंने जिस न्यायिक गरिमा, तन्मयता, सामथ्र्य और वचनबद्धता के साथ काम किया है उसी गरिमा को विवि में अपने कार्यकाल के दौरान कायम रखेंगे।
उन्होंने कहा कि यहां पर समस्याओं को लेकर आने वाले विद्यार्थी उन्हें लोकपाल बाद में एक गार्जियन के रूप में पहले समझें और नि:संकोच और निडर होकर अपनी समस्याएं बताएं। समस्याओं का नियम और विधिसंवत उचित निदान समय सीमा में किया जाएगा। विद्यार्थियों को सहूलियत प्रदान करने के लिए विवि की वेबसाइट पर जल्द की ऑनलाइन शिकायत पोर्टल शुरू किया जाएगा। इससे विद्यार्थी कहीं से भी अपनी शिकायत कर सकेंगे।
लोकपाल से इन पंद्रह तरह की समस्याओं की शिकायतें कर सकेंगे छात्र
– गैर पारदर्शी या अनुचित मल्यांकन प्रणाली।
– संस्थान की घोषित दाखिला नीति के अनुपालन में निर्धारित मेरिट के विरुद्ध अन्य छात्रों को दाखिला प्रदान करना।
– संस्थान द्वारा स्वीकृत दाखिला प्रक्रिया में अनियमितता।
– संस्थान की घोषित दाखिला नीति के अनुरूप दाखिले से इनकार करना।
– विवरणिका में किसी भी एेसी सूचना का प्रकाशन करना जो झूठ या भ्रामक है तथा तथ्यों पर आधारित नहीं है।
– छात्र से पाठ्यक्रम का शुल्क वसूल करने के दबाव के लिए उसकी डिग्री, डिप्लोमा आदि प्रमाणपत्रों को रोक लेना या वापस न करना।
– किसी संस्थान द्वार दाखिले के दौरान घोषित शुल्क से अधिक शुल्क की मांग करना।
– दाखिला आरक्षण के लिए तय नीति का उल्लंघन करना।
-अजा, अजजा, अपवि, महिलाओं, अल्पसंख्यकों या दिव्यांग श्रेणी के विद्यार्थियों के साथ कथित भेदभाव संबंधी शिकायतें।
-यूजीसी या अन्य किसी अथॉरिटी द्वारा लागू शर्तों के अंतर्गत किसी संस्थान द्वारा छात्रवृत्ति का भुगतान न करने या फिर भुगतान में विलंब करना।
– अकादमिक में निर्देश के विपरीत परीक्षाओं के संचालन या घोषणा में देरी करना।
-छात्रों की सुख-सुविधाओं का प्रावधान जिन्हें संस्थान ने अनिवार्य रूप से उपब्लध कराने का वचन दिया है।
-गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने से इनकार करना, जैसा दाखिले के दौरान उपलब्ध कराने का वचन दिया गया है।
– यौन शोषण सहित छात्रों का शोषण एवं प्रताडऩा।
पदभार संभालते ही एक्शन मोड में
बरकतउल्ला विवि में पदभार संभालते ही सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं विवि के लोकपाल शिशिरकांत चौबे ने एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है। 20 और 22 जून को उनके समक्ष आई छात्रों की समस्याओं को तत्काल संबंधित अधिकारियों के पास भेजकर उन्हें 07 दिन की समय सीमा में पूरा करने के लिए निर्देशित किया।
केस-1
होशंगाबाद निवासी छात्रा निधि अग्रवाल विवि में संचालित एमए पाठ्यक्रम की तृतीय सेमेस्टर की छात्रा है। एक विषय की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन में छात्रा ने पाया कि उसके एक प्रश्न को जांचा ही नही गया। एेसे में छात्रा ने अन्य विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की मांग की, लेकिन विवि प्रबंधन समय सीमा निकल जाने का हवाला देकर मना करता रहा। छात्रा द्वारा लोकपाल से शिकायत के बाद तत्काल उसके निराकरण के लिए परीक्षा विभाग को लिखा गया। साथ ही छात्रा को मोबाइल फोन पर सूचना देकर २९ जून तक समस्या के निदान की समय सीमा तय की गई।
केस-2
बीबीएम कालेज बैतूल के बीएससी छठे सेमेस्टर के लगभग एक सैकड़ा छात्र शुक्रवार को विवि में प्रदर्शन करने पहुंचे। छात्रों का आरोप है कि बॉटनी, माइक्रो बायोलॉजी, जुलॉजी व रसायन विज्ञान के 115 छात्रों को क्रम से एटीकेटी है। छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन की मांग की। मामला लोकपाल के पास पहुंचा उन्होंने तत्काल संबंधित विभाग को निर्देशित कर मामले को परीक्षा कमेटी के पास भेजा और मामले का निराकरण तय समय-सीमा में करने के लिए निर्देशित किया।