राजधानी के रवींद्र भवन में जनजातीय और लोक कलाओं के पैतीसवें राष्ट्रीय समारोह में पारम्परिक कलाओं को मंच पर नाट्य की प्रस्तुति करते कलाकार।
लोककथाओं पर आधारित विशेष नृत्य-नाट्य प्रस्तुतियों में प्रथम दिन 'राजा पेमलशाह' समवेत नृत्य—नाट्य की प्रस्तुति हुई। कलाकार ने अपनी प्रस्तुति से सब का मन मोह लिया।
राजधानी के रवींद्र भवन में नृत्य-नाट्य प्रस्तुतियों की प्रस्तुति करते कलाकार।
राजधानी के रवींद्र भवन में लोककथाओं पर आधारित विशेष नृत्य-नाट्य प्रस्तुतियों में प्रथम दिन 'राजा पेमलशाह' का मचन करते कलाकार।
राजधानी के रवींद्र भवन में 'राजा पेमलशाह' समवेत नृत्य—नाट्य की प्रस्तुति हुई।
कलाकार के प्रदर्शन को देख दर्शकों ने किया कलाकारों का उत्साहवर्धन।
नाटक में सूत्रधार द्वारा सुनाई गई कहानी में ब्रह्मा जी द्वारा संसार की देखभाल,प्रजा के हितों की रक्षा के लिए गौंडों को दायित्व दिया।
नाटक 'राजा पेमलशाह' में गोंडों की आपस की लड़ाई को दिखाया।
राजधानी के रवींद्र भवन में जनजातीय और लोक कलाओं के पैतीसवें राष्ट्रीय समारोह में बने मंच ने सबको किया अकार्षित।
राजधानी के रवींद्र भवन में जनजातीय और लोक कलाओं के पैतीसवें राष्ट्रीय समारोह लोकरंग में लगी लाइटिंग देखते ही बन रहीं है।
नृत्य—नाट्य में हिन्दी फिल्म के अभिनेता शहनबाज खान ने की खास भूमिका रही।
कलाकार ने अपनी प्रस्तुति से सब का मन मोह लिया।