दावेदारी करने वालों में खंडवा से अर्चना चिटनीस, भोपाल से आलोक शर्मा और जितेंद्र डागा, सागर से लता वानखेड़े और बालाघाट से लता एलकर ने शिवराज से अकले में मिलकर अपनी बात रखी। उधर, प्रदेश कार्यालय में भी दावेदारों की लाइन लगी रही। कुछ लोग प्रदेश अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह से मिलकर अपना बायोडाटा सौंपते नजर आए तो कुछ संगठन महामंत्री सुहास भगत से मिले।
जैन और राकेश से बंगले पर की मंत्रणा
प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन शिवराज के बंगले पर पहुंचे। दोनों ने अलग-अलग मंत्रणा की। इसके बाद शिवराज और अनिल जैन एक साथ स्टेट हेंगर पहुंचे और वहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ विशेष विमान से दिल्ली रवाना हो गए।
पार्टी मौका देगी तो जरूर लड़ूंगा: शर्मा
म हापौर आलोक शर्मा ने भोपाल सीट से खुलकर दावेदारी पेश कर दी है। शनिवार को उन्होंने मीडिया से कहा कि वे भी सांसद का चुनाव लडऩा चाहते हैं। पार्टी ने मौका दिया तो जरूर उतरेंगे। बाबूलाल गौर व उमाशंकर गुप्ता के बाद शर्मा ने भी स्थानीय उम्मीदवार की पैरवी की।
विदिशा से साधना सिंह का नाम
विदिशा संसदीय सीट से शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान का नाम दावेदारी के रूप में लाया जा रहा है। पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने शनिवार को मीडिया से कहा कि उनकी भी इच्छा है कि साधना सिंह विदिशा से चुनाव लड़ें। विदिशा जिलाध्यक्ष राकेशसिंह जादौन ने भी इसकी सिफारिश की है। विदिशा से भेजे गए पैनल में साधना सिंह का नाम सबसे ऊपर है।
प्रदेश चुनाव समिति की बैठक 19 मार्च को
भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक 19 मार्च को पार्टी मुख्यालय में रखी गई है। इसमें प्रदेश की सभी 29 सीटों पर उम्मीदवारों के पैनल तय किए जाएंगे। उम्मीदवारों का फैसला दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा। अधिकांश सीटों पर दो से ज्यादा दावेदार हैं। करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर मौजूदा सांसद को हटाकर नए चेहरे को टिकट देने की सिफारिश भी सामने आई है।
कांग्रेस में दावेदारों ने दिल्ली में डाला डेरा, मंत्री गए पैरवी करने
भोपाल. कांग्रेस ने 15 सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं, लेकिन 14 सीटों पर घमासान है। दावेदार भोपाल से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। उनके साथ लॉबिंग करने मंत्री भी पहुंच रहे हैं। टीकमगढ़ से दावेदार कमलेश वर्मा दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर पिछले लोकसभा चुनाव में भी उम्मीदवार थे, लेकिन हार गए थे। पैनल में उनका नाम है, इसलिए वे टिकट पक्का कराने राजधानी में ही जमे हैं। उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया से बहुत उम्मीदें हैं। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और खाद्य मंत्री प्रद्युम्र सिंह तोमर भी समर्थकों की पैरवी करने दिल्ली पहुंचे हैं। खजुराहो से टिकट मांग रहे चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ने दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर दावेदारी पेश की।