भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सब पर अकेलापन हावी होता जा रहा है
एडमायर थिएटर ग्रुप के ऑनलाइन नाट्य समारोह में नाटक 'पगला घोड़ा' का प्रदर्शन

भोपाल। एडमायर थिएटर के फेसबुक ऑनलाइन नाट्य समारोह में तीसरे दिन नाटक 'पगला घोड़ा' का प्रदर्शन हुआ। जिसके निर्देशक-सुशील कांत मिश्रा तथा लेखक-बादल सरकार और कोरियोग्राफर-विक्रम मोहन हैं। प्रस्तुति-उत्प्रेरक थिएटर गु्रप अमशील के कलाकारों ने दी। नाटक के माध्यम से समाज में स्त्रियों की स्थिति व असुरक्षा को बेहद मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। नाटक की शुरुआत चार युवाओं के साथ होती हैं। वे श्मशान में बैठकर जुआ खेल रहे होते हैं। इधर, कार्तिक नाम के किरदार की प्रेमिका वियोग में आत्महत्या कर लेती है। अचानक चिता से उसकी आत्मा उठकर आती है और चारों से बात करने लगती हैं।
किसी को दिखाई नहीं देती लड़की
लड़की किसी को दिखाई नहीं देती, लेकिन वह जैसा चाहती हैं चारों वैसा ही करते हैं चारों किरदार अपने जीवन का हाल बताने लगते हैं। सभी अपनी-अपनी कहानियां सुनाना शुरू करते हैं। पेशे से टीचर हिमाद्रि को अपने छात्र की बहन से प्यार है युवती शराब की आदी हैं। जब हिमाद्रि उसे टोकते हैं तो वह शराब छोडऩे से इंकार कर देती है। वहीं, सातू एक युवती को दुष्कर्म से बचाकर अपने साथी के घर छोड़ देता हैं। वह व्यक्ति उसे बेचने की कोशिश करता है, जब यह बात सातू को पता चलती हैं तो वह चाहकर भी कोई मदद नहीं कर पाता और लड़की सुसाइड कर लेती है।
अंतिम इच्छा हो जाती है पूरा
पेशे से कंपाउंडर कार्तिक लड़की को बताता है कि वह सात सालों से उसे प्यार करता है, लेकिन कभी इजहार नहीं कर पाया जब यह बात लड़की की आत्मा को पता चलती हैं तो वह खुश होती हैं और उस लड़की की अंतिम इच्छा पूरी हो जाती है। नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि हमारे जीवन में अकेलापन कहीं न कहीं हावी होता जा रहा है। हम हमेशा तलाश करते रहते हैं कि कौन अपना है और कौन नहीं। ऐसा कौन है जिसे अपना दु:ख दर्द साझा कर सके। ये तलाश सदियों से चल रही हैं।
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