छोटे स्टेशनों के लिए मेमू trains के ये हैं फायदे
- सभी प्रमुख छोटे railway stations पर ठहराव लेकर चलेगी। जल्दी ठहराव लेगी और कम समय में गति पकड़ लेगी। यह पैसेंजर trains की तुलना में अधिक गति से चलने में सक्षम होती है।
- दोनों ही छोर पर इंजन लगे होते हैं, इसलिए बार-बार इंजन बदलने की नौबत नहीं पड़ती। इस तरह इंजन बदलने में लगने वाला समय बचता है जो रेलवे और यात्रियों के काम आता है। आमतौर पर एक दिशा से इंजन निकालकर उसे दूसरी दिशा में लगाने में आधे से पौन घंटे लगते हैं।
- सभी मेमू trains नए कोचों से लैस हैं। ये कोच आधुनिक सुविधाओं वाले हैं। इनमें बैठक व्यवस्था अच्छी होती है और सीटों के बीच गैप अधिक होता है। यात्रियों को बैठने में सहूलियतें होती हैं। इन trains में खड़े होकर सफर करने वाले यात्रियों के सहारे के लिए जगह-जगह व्यवस्था की जाती है।
- इनमें लगने वाले कोच जर्मन कंपनी लिंक हाफमैन बुश के तकनीकी सहयोग से बनाए गए हैं जो दुर्घटना की स्थिति में भी एक—दूसरे पर नहीं चढ़ते हैं। नुकसान कम से कम होता है।
- अंदर की बनावट स्क्रू रहित होती है। हादसे होने पर चोटें भी कम लगती हैं। कोचों की दीवारें अधिक मजबूत होती हैं हादसे होने की स्थिति में यात्रियों को न के बराबर या कम चोट आती हैं।
प्रस्ताव सौंपा है
महाप्रबंधक से मिलकर उन्हें लंबी दूरी की trains के ग्रामीण स्टेशनों पर हॉल्ट शुरू करने एवं मेमू trains के बारे में प्रस्ताव सौंपा है। अप्रेल में उपयोगकर्ता समिति की बैठक में अंतिम निर्णय लिए जाएंगे।
- नीतेश लाल, सदस्य, जोनल रेलवे समिति