मंदिर समिति के संरक्षक ज्ञानचन्द्र जैन, अध्यक्ष विकास जैन ने बताया कि श्रावक संस्कार शिविर में तप, त्याग, संयम की साधना करने वाले त्यागी वृत्तियों का बहुमान मंदिर समिति द्वारा किया गया। इस मौके पर मुनि संस्कार सागर महाराज ने कहा सरलता सज्जनों का गुण है, सरल और निर्मल व्यक्ति का व्यक्तित्व समाज का दर्पण होता है। स्वार्थसिद्धि के लिए धार्मिक क्रियाएं कभी नहीं करना चाहिए। स्वार्थ के लिए किए गए धार्मिक अनुष्ठान आत्मसुचिता व पवित्रता को नष्ट करते हैं। इस अवसर पर मंदिर समिति के प्रमुख संरक्षक ज्ञानचन्द्र जैन, अध्यक्ष विकास जैन, अंकुर सराफ, अशोक खुरदेलिया, आर.के. जैन, त्रिलोक चन्द्र जैन सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
भगवान वासुपूज्य के मोक्ष कल्याणक पर अर्पित चढ़ाए निर्वाण लाड़ू
भगवान् महावीर दिगम्बर जैन मंदिर साकेत नगर में भगवान् वासुपूज्य स्वामी का मोक्ष कल्याणक श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके पर विशेष पूजा अर्चना की गई और निर्वाण लाडू चढ़ाए गए। इसके साथ श्रीजी का धूमधाम से कलशाभिषेक किया गया। इस मौके पर भक्त् िऔर उत्साह के साथ संगीत की स्वर लहरियों के बीच धार्मिक क्रियाएं हुई, इसी प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में सुरताल संस्कृति के संस्थापक, संगीत संयोजक विमल भण्डारी एवं समूह ने सुरमयी भजन संध्या की प्रस्तुति दी, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इसमें सिंथेसाइजऱ पर गीतेश, ढोलक पर प्रकाश, टेबल पर शैलेन्द्र, ऑक्टोपैड पर अनुराग आदि ने जुगलबंदी की। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
भगवान् महावीर दिगम्बर जैन मंदिर साकेत नगर में भगवान् वासुपूज्य स्वामी का मोक्ष कल्याणक श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके पर विशेष पूजा अर्चना की गई और निर्वाण लाडू चढ़ाए गए। इसके साथ श्रीजी का धूमधाम से कलशाभिषेक किया गया। इस मौके पर भक्त् िऔर उत्साह के साथ संगीत की स्वर लहरियों के बीच धार्मिक क्रियाएं हुई, इसी प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में सुरताल संस्कृति के संस्थापक, संगीत संयोजक विमल भण्डारी एवं समूह ने सुरमयी भजन संध्या की प्रस्तुति दी, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इसमें सिंथेसाइजऱ पर गीतेश, ढोलक पर प्रकाश, टेबल पर शैलेन्द्र, ऑक्टोपैड पर अनुराग आदि ने जुगलबंदी की। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।