ऐसे बढ़ रहे विवाद – नेहरू नगर निवासी अश्विन खरे के यहां एक किराएदार है। खरे के यहां एक माह में 150 यूनिट के अंदर ही बिजली खपत रहती है और इतनी ही किराएदार की भी है। अभी वे आठ रुपए प्रतियूनिट की दर से बिल किराएदार से ले रहे हैं, लेकिन नई योजना का हवाला देकर किराएदार कम राशि देने पर अड़ा हुआ है।
– कोलार मंदाकिनी निवासी हरीश विश्वकर्मा अब अपने मीटर से भाई को बिजली देने से इंकार कर रहे हैं। वे उसे नया मीटर लगाने का कह रहे हैं। बिजली कंपनी में एक ही परिसर में नया मीटर आसान नहीं हो रहा है, जिससे दोनों भाईयों में बिल को लेकर विवाद आम हो गया है।
इंदिरा ज्योति के बाद नए कनेक्शन पर मॉनीटरिंग मजबूत की अब एक ही परिसर में दूसरा बिजली कनेक्शन लेने के लिए आवेदन करने पर आसानी से कनेक्शन नहीं मिल रहा है। 100 यूनिट पर 100 रुपए बिल की इंदिरा ज्योति योजना लागू करने के बाद एक ही परिसर में एक से अधिक कनेक्शन लेने वालों की लाइन लगी हुई है। इस समय कंपनी के पास करीब 2000 फार्म है। एक ही परिसर में दूसरा कनेक्शन के आवेदन पर कई स्तरों पर जांच की जा रही है, तभी कनेक्शन दिया जा रहा है।
ऐसे समझें इंदिरा ज्योति में कैसे मिल रहा लाभ – 30 दिन में 100 यूनिट बिजली खर्च करने पर 100 रुपए का बिल आएगा।
– 30 दिन में बिजली खर्च 150 यूनिट होता है तो पहले 100 यूनिट का 100 रुपए बिल व बाकी 50 यूनिट का तय टैरिफ से बिल बनेगा।
– 30 दिन में बिजली खर्च 151 यूनिट व इससे अधिक होता है तो फिर शुरुआती यूनिट से तय टैरिफ के अनुसार ही बिल बनेगा। ये बिजली उपभोक्ता को सात रुपए प्रतियूनिट के हिसाब से पड़ेगी।
– मीटर रीडिंग देरी से हुई तो उसके अनुसार सब्सिडी यूनिट बढ़ जाएगी। यदि 35 दिन में रीडिंग हुई तो फिर सब्सिडी का लाभ 175 यूनिट तक मिलेगा।
कंपनी योजना का उपभोक्ताओं को पूरा लाभ दे रही है। कोई दिक्कत नहीं है। नए कनेक्शन में हम पूरी जांच परख रहे हैं। एक परिसर में दूसरा कनेक्शन नहीं मिलेगा, ऐसी कोई बात नहीं है।
– डीपी अहिरवार, सीजीएम, बिजली कंपनी, भोपाल