भोपाल

सरकारी अस्पताल से मिली दवा खाई और आराम न लगा हो तो घटिया क्वालिटी हो सकती है वजह

सरकारी अस्पतालों में लाखों मरीजों को खिलाई गईं अमानक दवाएं, जांच के बाद लगाया प्रतिबंध, एक दर्जन कंपनियों ब्लैक लिस्टेड

भोपालDec 24, 2019 / 02:49 pm

praveen shrivastava

सरकारी अस्पताल से मिली दवा खाई और आराम न लगा हो तो घटिया क्वालिटी हो सकती है वजह

भोपाल. सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बांटी जा रही दवाएं अमानक मिली हैं। इनमें दवा की मात्रा तय मापदंडों के मुताबिक नहीं पाई गई हैं। ऐसे में लाखों मरीजों को अमानक दवाएं खिला दी गईं। मप्र हेल्थ कॉर्पोरेशन द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट में यह खुलासा है। नवंबर में पांच दवाएं जांच में अमानक पाई गई हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इन दवा कपंनियों से करीब 20 लाख रुपए वसूली का नोटिस दिया है। इन्हें पांच साल के लिए स्वास्थ्य विभाग में दवा सप्लाई करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

दरअसल, इन दवाओं की सप्लाई के लिए 2012-13 में दवा कंपनियों से अनुबंध किया गया था। सभी जगह सीएमएचओ और सिविल सर्जन के स्टोर में इन दवाओं की खरीदी की गई थी। बीते सप्ताह आई रिपोर्ट में कुल छह दवाएं अमानक मिली हैं। बता दें कि दो साल के भीतर हेल्थ कार्पोरेशन डेढ़ दर्जन दवाओं को प्रतिबंधित कर चुका है।

दवाएं बांटने के बाद आई रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक जिस बैच की दवाएं अमानक मिली हैं, उनमें से कई करीब छह महीने पहले ही अस्पतालों में खप गई हैं। अब नए बैच की दवाएं आ चुकी हैं। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग दवा कंपनियों पर कार्रवाई भले ही कर रहा है, लेकिन जो अमानक दवाएं बंट चुकी हैं उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। इसके पहले भी प्रोवीडीन ऑइनमेंट और जिंक सल्फेट टैबलेट के अमानक होने की जांच रिपोर्ट दो साल बाद सामने आई थी।

इंडेक्स में पाई गई कमी
जब दवाओं की जांच की गई तो दवाओं के इंडेक्स, दवाओं की मात्रा में अंतर पाया गया। उदाहरण के तौर पर कोई दवा का स्ट्रिप में 500 एमजी आईपी लिखा है तो जांच में वहां 350 या 400 एमजी ही निकली। ऐसे में बीमारी के दौरान मरीजों को असर देर से होता है।

यह है जांच की प्रक्रिया
अस्पतालों में दवाएं जाने के बाद रेंडम सैंपल लिए जाते हैं। इन्हें अन्य प्रदेशों में स्थित एनएबीएल मानक वाली लैब में जांच के लिए भेजा जाता है। यहां रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद पूरे बैच को हटा दिया जाता है। हालांकि स्वास्थ विभाग कंपनी से भी दवा लेने से पहले ओके रिपोर्ट लेता है।

यह दवाएं मिल चुकी हैं अमानक
रैमिप्रेल- दिल के दौरे के बाद ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के काम आती है।
कैल्शियम कार्बोनेट- पेट की खराबी के साथ अपच और पेट के दर्द में काम आती है।
एमिकासिन- बैक्टीरियल संक्रमण के साथ दिमागी बुखार और रक्त के संक्रमण को रोकती है।
लीवोफ्लासिन- टीबी, ब्रोंकाइटिस, टॉसिंल्स जैसी बीमारी में भी इसका इस्तेमाल होता है।
एलेनोलॉल 50 एमजी- दिल के दौरे के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण दवा होती है।

यह एक रुटीन प्रोसेस है। अस्पतालों में बटने के बाद रेंडम सैम्पल लिए जाते हैं। जहां गड़बड़ी निकलती है, उस पूरे बैच को हटा दिया जाता है। अमानक का अर्थ यह होता है कि दवा में केमिकल की मात्रा दर्शाई गई मात्रा से कम है।
डॉ. जे. विजय कुमार, एमडी, मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉर्पोरेशन

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