सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई। इनके बाद मध्यप्रदेश के पांच नेताओं ने भी केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ले ली। दिन में ही मध्यप्रदेश के थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान और फग्गन सिंह कुलस्ते को पीएमओ से फोन आ गया था। धर्मेंद्र प्रधान और थावरचंद गहलोत मध्यप्रदेश कोटे के राज्यसभा सांसद हैं।
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थावरचंद गहलोत
मोदी सरकार में शपथ लेने वाले वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत ने भी गुरुवार शाम को शपथ ले ली। थावरचंद गहलोत मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सामाजिक न्याय मंत्री थे। गहलोत चार बार संसद सदस्य चुने जा चुके हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी के रूप में भी उनकी भूमिका अहम रही। गहलोत का नाम पिछली बार राष्ट्रपति पद के लिए भी चला था।
प्रहलाद पटेल
दमोह से भारी मतों से चुनाव जीतकर आए प्रहलाद पटेल को मोदी कैबिनेट में जगह मिल गई है। पांचवीं बार के सांसद प्रहलाद पटेल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर-पूर्व के राज्यों में काम के लिए भेजा था। इन राज्यों में भाजपा को अच्छी सफलता मिली। इस कारण इसे अच्छा परफॉर्मेंस माना जा रहा है। इस बार उन्होंने काफी अंतर से जीत दर्ज की है।
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नरेंद्र सिंह तोमर
तीसरी बार सांसद बनने वाले नरेंद्र सिंह तोमर को इस बार भी जगह मिल गई है। वे पिछली सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। मध्यप्रदेश के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहने के साथ ही संगठन और मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं के साथ अच्छा-खासा तालमेल भी है।
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धर्मेंद प्रधान
उड़ीसा के धर्मेंद्र प्रधान मध्यप्रदेश के जरिए राज्यसभा में पहुंचे हैं। इस बार धर्मेंद्र प्रधान के ही नेतृत्व में भाजपा ने उड़ीसा का विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव प्रधान लड़ा था। विधानसभा में 13 सीटें बढ़ाकर भाजपा वहां दूसरे नंबर पर आ गई। बीजेपी की दो से 8 सीटें हो गईं। प्रधान मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पेट्रोलियम मंत्री थे और उन्हें उज्वला योजना की सफलता का श्रेय दिया जाता है।
फग्गन सिंह कुलस्ते
मंडला से सांसद चुने गए फग्गन सिंह कुलस्ते पिछली मोदी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। आदिवासी चेहरा होने के नाते फग्गन सिंह को
फिर से मोदी कैबिनेट में जगह मिल गई है। कुलस्ते ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
इससे पहले विदिशा से सांसद रह चुकी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बारे में दिन में चर्चा थी कि उन्हें भी पीएमओ ने फोन करके बुलाया है, लेकिन वे मोदी के साथ चाय पर चर्चा में शामिल नहीं हो पाई। इससे पहले दिन में अटकलों का बाजार गर्म हो गया था कि वे भी दोबारा से मंत्रिमंडल में शामिल हो रही हैं। हालांकि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ीं, लेकिन कहा जा रहा था कि यदि मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो उन्हें राज्यसभा में भेजा जाएगा।
शपथ ग्रहण में शामिल हुए एमपी के ये खास लोग
मोदी कैबिनेट की शपथ ग्रहण समारोह में मध्यप्रदेश से बड़ी संख्या में नेता शामिल हुए। इनमें सभी नवनिर्वाचित सांसद शामिल थे। इनमें मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, विदिशा से पूर्व सांसद सुषमा स्वराज, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कैलाश विजयवर्गीय, विनय सहस्त्रबुद्धे, धर्मगुरुओं में साध्वी ऋतंभरा भी शामिल थीं।