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MP budget 2022: राज्य सरकार के बजट में किसे क्या मिला, यहां देखिए पूरी जानकारी

locationभोपालPublished: Mar 09, 2022 05:58:29 pm

Submitted by:

Manish Gite

madhya pradesh budget 2022-23- मध्यप्रदेश के बजट में कई वर्गों को संतुष्ट करने की कोशिश की गई…।

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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में हंगामे के बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने साल 2022-23 का बजट (madhya pradesh budget 2022-23) पेश किया। इस बजट की खास बात यह थी कि यह बजट केवल अर्थशास्त्रियों और अधिकारियों ने नहीं बनाया है, यह बजट जनता के सुझावों के आधार पर बनाया गया है। वहीं अगले चुनाव की दृष्टि से भी इसमें सभी वर्गों को लुभाने की कोशिश की गई है।

 

आइए जानते हैं राज्य सरकार का पूरा बजट एक नजर में…।

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने इसे बेहतरीन बजट बताते हुए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश (atmanirbhar madhya pradesh) के निर्माण का बजट बताया है, वहीं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ (kamal nath) ने इसे ‘झूठ का पुलिंदा’ करार दिया है। जबकि वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (jagdish dewda) ने इस बजट को किसानों, गरीबों, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को समर्पित किया है।

 

 

सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका

इस बजट में सबसे ज्यादा उम्मीद सरकारी कर्मचारियों को थी। क्योंकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार की तरह ही मध्यप्रदेश सरकार से भी उम्मीद की जा रही थी कि वो बजट में पुरानी पेंशन को बहाल करने की घोषणा कर देती। अब इन सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, जो पिछले कुछ दिनों से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे थे। सरकारी कर्मचारियों के संगठन 13 मार्च को बड़ा आंदोलन भी छेड़ने की पहले ही घोषणा कर चुके थे।

 

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स्कूलों के लिए खास

स्कूल शिक्षा विभाग के लिए वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान 25 हजार 953 करोड़ है, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिए 27 हजार 792 करोड़ का प्रावधान कर दिया गया है।

-सीएम राइज के लिए 855 करोड़ का प्रावधान।
-माध्यमिक शालाओं के लिए 6 हजार 212 करोड़।
-प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिए 10 हजार 345 करोड़।
-समग्र शिक्षा अभियान के लिए 3 हजार 908 करोड़ का प्रावधान।
-हाई/हायर सेकंडरी शालाओं के लिए 3 हजार 160 करोड़।
-विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण के लिए 457 करोड़।
-आरटीई के अंतर्गत अशासकीय स्कूलों को ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिए 400 करोड़।
-अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए 350 करोड़।
-पंचायती-राज संस्थाओं के अध्यापक और संविदा शाला शिक्षकों को वेतन/मानदेय के लिए 310 करोड़।
-शासकीय स्कूल / छात्रावास / पुस्तकालय / आवासीय खेलकूद भवनों के निर्माण-विस्तार के लिए 253 करोड़।
-अशासकीय शालाओं के अनुदान के लिए 200 करोड़।
शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का उन्नयन और संधारण के लिए 166 करोड़।
-निःशुल्क पाठ्य सामग्री के प्रदाय के लिए 109 करोड़।
-हाई/ हायर सेकंडरी स्कूलों में बैठक व्यवस्था और प्रयोगशाला के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।

 

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कोई टैक्स नहीं लगाया

बुधवार को पेश हुए बजट से पहले ही संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्र ने कह दिया था कि कोई नया टैक्स नहीं लगाया जा रहा है।

 

आत्मनिर्भर एमपी का रोडमैप

वित्त मंत्री ने कहा था कि कोविडकाल के समय पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आव्हान से प्रेरित होकर हमारी सरकार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप 2023 तैयार किया है।

 

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