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उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन दिग्गजों ने झोंकी ताकत, वोटिंग को लेकर मतदाताओं में दिख रहा कंफ्यूजन

locationभोपालPublished: Nov 01, 2020 07:11:48 pm

Submitted by:

Faiz

भाजपा हो या कांग्रेस दोनो ही दलों के नेताओं द्वरा धुआंधार प्रचार तो कर दिया, लेकिन मतदाताओं में अब कंफ्यूजन दिखाई देने लगा है।

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उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन दिग्गजों ने झोंकी ताकत, वोटिंग को लेकर मतदाताओं में दिख रहा कंफ्यूजन

भोपाल/ मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव (MP Assembly Byelection 2020) का प्रचार रविवार 01 नवंबर शाम 6 बजे थम गया। चुनावी प्रचार के आखिरी दिन प्रदेश में सक्रीय राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों और दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशियों के प्रचार में पूरा दमखम झोंक दिया है। इस दौरान भाजपा हो या कांग्रेस दोनो ही दलों के नेताओं द्वरा धुआंधार प्रचार तो कर दिया, लेकिन मतदाताओं में अब कंफ्यूजन दिखाई देने लगा है। ज्यादातर सीटों पर मतदाता ये तय नहीं कर पाए हैं कि, किस दल का प्रत्याशी उनके क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर साबित होगा।

 

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करेरा विधानसभा : मतदाता कनफ्यूज

रविवार शाम को चुनावी शोर थमने के बाद प्रदेश के शिवपुरी स्थित करेरा विधानसभा के मतदाताओं का मानना है कि, दोनो ही दलों ने क्षेत्र में काफी मेहनत की है, इसपर फिलहाल ये स्पष्ट नहीं किया जा सकता कि, किस दल का उम्मीदवार बाजी मारेगा। युवा मतदाता शेलेन्द्र शर्मा के मुताबिक, स्थितियां देखते हुए फिलहाल किसी भी दल की जीत-हार स्पष्ट नहीं कही जा सकती। अपने वोट को लेकर भी वो फिलहाल असमंजस में ही दिखाई दिये। बता दें कि, करेरा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने जा रहा है। हालांकि, इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) लड़ाई में नजर नहीं आ रही। जानकारों का मानना है कि, इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होनी है।

कुछ ऐसा ही हाल मुरैना विधानसभा सीट का भी है। यहां भी क्षेत्र के अधिकतर मतदाता अब तक ये बात तय नहीं कर सके हैं कि, कांग्रेस और बीएसपी में से कौन सी पार्टी और कौनसा उम्मीदवार उनके क्षेत्र के लिए बेहतर साबित होगा। अन्य कई विधानसभा सीटों की तरह यहां भी मतदाताओं में अपने फेवरेट प्रत्याशी को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है।

 

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राजनीतिक दलों का दावा

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा के मुताबिक, उपचुनाव में मतदाता को किसी तरह का कंफ्यूजन नहीं है, बल्कि बीजेपी से डरा हुआ है। लेकिन तीन नवंबर को जब उपचुनाव होगा तो 28 विधानसभा सीटों पर वोटर कांग्रेस के पक्ष में वोट करके अपने इस डर को दूर कर देगा। दूसरी तरफ बीजेपी भी वोटरों की खामोशी को अपनी जीत मान बैठी है। पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के मुताबिक, उपचुनाव में मतदाता एक बार फिर बीजेपी का साथ देने जा रहे हैं। वहीं, आखिरी दौर के प्रचार में दम लगाने वाले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि, बीजेपी की जीत विकास के नाम पर होगी।

 

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मतदाता में असमंजस का कारण

दरअसल, उपचुनावों में जीत का परचम लहराने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने प्रचार में जमकर पसीना बहाया है. दोनों पार्टियों के नेताओं ने हर दिन दो से तीन जनसभाओं से लेकर कई रोड शो करके मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है। हालांकि, इतनी घोषणाएं, वादे और आरोप-प्रत्यारोप देख-सुनकर प्रत्याशी के दिमाग में असमंजस बढ़ गया है। मतदाता पसोपेश में है कि, उसका वोट कहां और किसको देना उचित होगा।

आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए आगामी तीन नवंबर को मतदान होने हैं। जबकि, वोटों की गिनती 10 नवंबर को की जाएगी। यानी 10 नवंबर को ये स्पष्ट हो जाएगा कि, प्रदेश की सत्ता किसके हाथों में जानी है। इन 28 सीटों पर 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी ने उन सभी 25 लोगों को अपना प्रत्याशी चुना है, जो इसी साल मार्च में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

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