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मध्यप्रदेश की बाढ़ में घिरे 50 से अधिक गांव, रेस्क्यू के लिए बुलाने पड़े हेलिकाप्टर

locationभोपालPublished: Sep 18, 2019 06:30:42 pm

Submitted by:

Manish Gite

chambal river current news in bhind- मध्यप्रदेश में मंदसौर के बाद चंबल नदी में बाढ़ का सिलसिला अभी थमा भी नहीं था कि चंबल और सिंध नदी में भी बाढ़ आ गई। 50 से ज्यादा गांवों को बाढ़ ने घेर लिया है। लोगों को बचाने के लिए हेलिकाप्टर से निकालने की तैयारी की जा रही है।

chambal sindh river

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भोपाल। मध्यप्रदेश में मंदसौर के बाद चंबल नदी में बाढ़ का सिलसिला अभी थमा भी नहीं था कि चंबल और सिंध नदी में भी बाढ़ आ गई। 50 से ज्यादा गांवों को बाढ़ ने घेर लिया है। लोगों को बचाने के लिए हेलिकाप्टर से निकालने की तैयारी की जा रही है। उधर, मंदसौर में भी बाढ़ का असर कम होने लगा है।

उत्तर मध्यप्रदेश में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हो गया है। सेना ने बचाव और राहत कार्य संभाल लिया है। चंबल नदी के साथ ही सिंध नदी में बाढ़ आ गई है। इस बाढ़ ने 50 से अधिक गांवों को घेर लिया है। सबसे ज्यादा भयावह स्थिति टेहनगर में बनी है। यहां सिंध नदी ने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया है। खतरे को देखते हुए पहले ही प्रशासन ने गांव को खाली करवा लिया था। आधा गांव पानी में डूब गया है। बताया जाता है कि बाढ़ का पानी इतना है कि एक मंजिल तक मकान डूब गए हैं। चंबल नदी के साथ ही सिंध नदी में बाढ़ आने से कई गांव घिर गए हैं, कई लोग अब भी फंसे हुए हैं।

 

चंबल ने तोड़ा 49 साल का रिकार्ड
चंबल के लगातार बढ़ते जल स्तर ने पिछले 49 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। 1971 में ऐसे हालात बने थे, जब चंब का जल स्तर 128.06 मीटर हो गया था। वर्ष 1996 में पुनः बने बाढ़ के हालात के दौरान चंबल का उफान 128.36 मीटर पहुंच गया था। वर्ष 2019 में 17 सितंबर की देर शाम तक 128.49 मीटर पहुंच गया। अटेर क्षेत्र के कुल 44 गांव में पानी ही पानी नजर आ रहा है। पानी 130 मीटर की आशंका के मद्देनजर सेना को अलर्ट कर दिया गया है, जहां कभी भी हेलिकाप्टर के जरिए रेस्क्यू चलाना पड़ सकता है। लोगों को बचाने के लिए एयरलिफ्ट के लिए भी सेना तैयार है।

डेढ़ हजार लोगों को बचाया
चंबल नदी की बाढ़ में घिरे लोगों को बचाने के लिए सेना बुलाई गई है। उन्होंने दो दिनों में करीब डेढ़ हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया। कुछ गांवों में अब भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। इनको बचाने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीम मोटरबोट से उन्हें ढूंढ-ढूंढकर रेस्क्यू कर रही हैं।
हेलिकाप्टर की मदद लेंगे
प्रशासन के मुताबिक राजस्थान के कोटा बैराज से पानी बंद होने के दो दिन बाद जिले में स्थिति सामान्य हो पाएगी। चंबल का जल स्तर फिलहाल 130 मीटर तक पहुंचने पर हेलिकाप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। चंबल और सिंध नदियों का जल स्तर बढ़ने से रौन क्षेत्र के हिलगवां, दोहाई, लोहचरा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

यह भी है खास
सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कई गांवों का दौरा किया।
-मछंड में पहुज नदी उफान पर आ जाने से लोंहचरा गांव का संपर्क टूट गया

 

सिंध में उफान, 42 गांवों में चेतावनी
लगातार बारिश के बाद चंबल में पानी बढ़ने से जिले के करीब 50 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। सभी गांवों में एनाउंस भी किया जा रहा है। सिंध नदी खतरे के निशान से 8.6 मीटर ऊपर बह रही है, जो फिलहाल 128.28 के करीब है।
-अटेर के कछपुरा गांव के चारों तरफ पानी भर जाने से वहां आवाजाही बंद हो गई है। गांव में 150 से अधिक लोग फंस गए हैं। एनडीआरएफ की टीम लोगों को बचाने के लिए जुट गई है। मंगलवार शाम तक करीब 100 से अधिक ग्रामीणों को बाहर निकाला जा सका था। इसके बाद बाकी को बुधवार सुबह निकाला जा सका।

 

तोमर और शिवराज ने किया दौरा
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटेर के चंबल वाले क्षेत्र का दौरा कर बाढ़ के हालातों का जायजा लिया। दोनों ही नेता बुधवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। जबकि अटेर से विधायक अरविंद सिंह भदौरिया क्षेत्र में जुटे हुए हैं। इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी भिंड जिले का दौरा किया।

बाढ़ में दिखी शिवराज को साजिश, जांच की मांग
मुरैना। चंबल में बाढ़ से तबाही के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गहरी साजिश नजर आती है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सबलगढ़ के बटेश्वरा में चौहान ने कहा कि गांधी सागर बांध से धीरे पानी छोड़ा जाना था। लेकिन, एक साथ पानी छोड़ने से चंबल संभाग में हालात बिगड़े। इसकी जांच होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में भी मप्र शासन का कोई मंत्री, प्रभारी मंत्री या मुख्यमंत्री पीड़ितों के बीच नहीं आया है।

सेना ने संभाला मोर्चा
भिंड से खबर है कि चंबल का जलस्तर खतरे के निशान से 9 मीटर ऊपर हो जाने के बाद हालात बद से बदतर हो गए थे। बीते तीन दिन में आर्मी के जवान और होमगार्ड के जवानों ने तटवर्ती आधा दर्जन से ज्यादा गांवों के लगभग 1500 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविर में पहुंचाया। हालात यह है कि गांव के मंदिर और मकान भी पानी से डूब गए हैं ऐसे में सेना द्वारा किए गए लगातार रेस्क्यू के जरिए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए आधा दर्जन राहत शिविर लगाए गए हैं जहां उनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया गया है।

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