शुक्रवार शाम से हैशटैग के साथ हुआ #KamalnathNextMPCM (कमलनाथ नेक्स्ट एमपी सीएम) जमकर ट्रैंड करता रहा। ट्वीटर से लेकर फेसबुक और वाट्सअप पर भी जमकर वायरल किया गया। यह वैसा ही लग रहा था जैसे कांग्रेस ने एक अभियान चला दिया हो।
कमलनाथ ने बताई बीजेपी की साजिश
हालांकि कमलनाथ ने इसका खंडन करते हुए कहा कि कांग्रेस ने ऐसा कोई अभियान नहीं चलाया, यह तो भाजपा की साजिश है। बीजेपी को कांग्रेस की एकता रास नहीं आ रही है।
भाजपा बोली- इस बात से कोई संबंध नहीं
इधर, भाजपा के मीडिया से के प्रदेश संयोजक शिवराज सिंह डाबी ने कहा कि ट्विटर पर चल रहे ट्रेंड से भाजपा का कोई संबंध नहीं है। हमें तो ऐसा लग रहा है कि कमलनाथ ने अपनी इच्छा जाहिर करने का यह तरीका खुद निकाला है और दिल्ली की ओर अपना संदेश पहुँचना चाहते है।
इन नेताओं में चलता है शह-मात का खेल
इधर, बरसों से मध्यप्रदेश कांग्रेस में कई गुट बने हुए हैं, जिनमें अंदरूनी खींचतान चलती रहती है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ, अजय सिंह, सत्यव्रत चतुर्वेदी और सुरेश पचौरी जैसे बड़े नेताओं के समर्थकों की फौज हैं, यह कांग्रेस में रहकर अपने-अपने धड़ों में बंटे हुए हैं।
इसलिए नहीं करते सीएम प्रोजेक्ट
इस गुटबाजी के कारण ही कांग्रेस पहले से सीएम प्रोजेक्ट नहीं करती है। क्योंकि एक दिग्गज नेता को सीएम प्रोजेक्ट कर दिया तो दूसरे गुट खफा हो जाएंगे जो अपनी ही पार्टी को हार दिलाने के लिए लग जाएंगे। यह लोग दूसरे गुट के मुखिया को सीएम नहीं देखना चाहते।
शिवराज के खिलाफ CM का चेहरा कौन
मध्यप्रदेश में भाजपा 15 सालों से सत्ता पर काबिज है और शिवराज 14 सालों से मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में पांच माह बाद होने वाले चुनाव का मूड ही बताएगा का सरकार किसकी बनेगी, लेकिन कांग्रेस की तरफ से ऐसा कौन सा चेहरा हो सकता है जो शिवराज के सामने ज्यादा लोकप्रिय हो।
सिंधिया को चाहते हैं लोग
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ भी खुलकर खड़े हो गए थे। नाथ ने कहा था कि यदि पार्टी मध्यप्रदेश में सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री के तौर पर सिंधिया को पेश करती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। पिछले कुछ समय से सिंधिया का नाम सीएम केंडीडेट के लिए चला था।
दिग्विजय बोले- मैं नहीं बनूंगा मुख्यमंत्री
नर्मदा यात्रा से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह फिर से राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। हालांकि पिछले दिनों उन्होंने अपने आप को मुख्यमंत्री की रेस से दूर बताया था। कहा था कि मैं समन्वय का काम कर रहा हूं। उन्होंने कहा था कि मेरा लक्ष्य मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार को उखाड़कर कांग्रेस की सत्ता को काबिज करना है।
बरखा लिखती हैं- कमलनाथ मेहनती हैं, केन्द्रीय नेतृत्व भी उनकी क्षमता को मानता है। सीएम पद के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं। मासूम परी ने लिखा- कमलनाथ मेहनती हैं, उम्मीद है कि उन्हें मौका मिलेगा।
हितेन्द्र एस शेखावत ने लिखा- तो क्या सिंधिया और दिग्विजय का काम सिर्फ चुनाव हरवाने का रहेगा।
करन यादव ने लिखा- कमलनाथ निश्चित रूप से मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिए मजबूत दावेदार हैं।
-चुनाव कैंपेन रणनीतिकार निशीथ शरन ने ट्वीट किया ‘क्या कमलनाथ ने सिंधिया और दिग्विजय को ठिकाने लगा दिया है। राहुल गांधी का चौंकाने वाला दांव।’ -प्रदेश कांग्रेस युवा मित्र मण्डल की ओर से कई स्टीकर भी शेयर किए गए, जिसमें लिखा गया ‘कमलनाथ ही कमल की काट हैं। मध्यप्रदेश का हर युवा कमलनाथ के साथ है।’
गुना से मिलेगा जोश, राघौगढ़ से आशीर्वाद, छिंदवाड़ा नेतृत्व करेगा, सीएम बनेंगे कमलनाथ।’