इंदौर में स्वैच्छिक लॉकडाउन, भोपाल में भी है इसकी जरूरत
संक्रमण की बढ़ती रफ्तार का बाजार, खेत-खलिहान और मंडी पर सीधा असर पडऩे की आशंका है। त्योहारों पर खुशियां न हों ‘लॉक’ इसलिए सभी को ‘संयम’ का लॉकडाउन जरूरी है। बेकाबू होते संक्रमण की रोकथाम के लिए इंदौर के व्यापारिक संगठनों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन का कदम उठाया है। अहिल्या चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने मंगलवार को कलेक्टर से चर्चा कर शनिवार-रविवार को प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला लिया। वहीं, शाम को हर दिन 6 बजे दुकानें बंद कर देंगे। यह व्यवस्था 15 अक्टूबर तक रहेगी। ऐसे ही निर्णय की भोपाल में भी जरूरत है। यहां के व्यापारियों का कहना है कि अभी भले ही दो दिन का लॉकडाउन कर लें, लेकिन त्योहार के दौरान ऐसे निर्णयों से बाजार बेजार हो जाएगा।
किसने क्या कहा
प्रशासन अभी दो दिन का लॉकडाउन कर सकता है। बाजार खोलने-बंद करने के घंटे कम किए जा सकते हैं। लॉकडाउन से समस्या हल नहीं हो सकती। यदि यह त्योहार पर हुआ तो नुकसान होगा।
-अजय देवनानी, सचिव, न्यू मार्केट व्यापारी महासंघ
लॉकडाउन किसी समस्या का हल नहीं है। फिर भी बढ़ते संक्रमण को देखते हुए त्योहार से पहले कुछ बंदिशें लगाई जा सकती हैं। लॉकडाउन त्योहार पर हुआ तो मुसीबतें और बढ़ेगी।
– कुंदन भूरानी, अध्यक्ष,
भोपाल किराना व्यापारी महासंघ
इंदौर के निर्णय की हम प्रशंसा करते हैं। हर शहर की परिस्थिति अलग होती है। यहां भीड़ को काबू करना आसान नहीं है।
-ललित जैन, अध्यक्ष, भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
हाईकोर्ट: जनहित याचिका पर सुनवाई
शहर में संक्रमण बढऩे के साथ अन्य बीमारियों के मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। इस मुद्दे पर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग, इंदौर कलेक्टर, सीएमएचओ सहित मेदांता, अरबिंदो व गोकुलदास अस्पताल को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि क्या अस्पतालों की लापरवाही से मरीजों की जान जा रही है?