हाल ही में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते और राहत (DA/DR) 28 फीसदी बढ़ोतरी की है। तभी से देश के अलग-अलग राज्यों में डीए और डीआर की मांग उठने लगी है। हालाकि, कई राज्य इसे बढ़ाने की घोषणा भी कर चुके हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी डीए और डीआर बढ़ने की राह देख रहे हैं। कई विभागों के कर्मचारियों में इसकी नाराजगी के तहत आंदोलन की राह भी इख्तियार कर ली है। वही, अब उपचुनाव से पहले शिवराज सरकार कर्मचारियों के इस आक्रोश को कम करने की कवायद के तहत कर्मचारी-अधिकारियों को तोहफा देने की तैयारी कर रही है।
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7 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स को होगा फायदा
फिलहाल, वित्त विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के पास इसे स्वीकृति के लिये भेज दिया है। यानी सीएम शिवराज द्वारा मुहर लगते ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी। बता दें कि, मौजूदा समय में प्रदेश के कर्मचारियों को 12 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार यही महंगाई भत्ता अपने कर्मचारियों को 28 फीसदी दे रही है। सरकारी सूत्रों की मानें, तो प्रदेश सरकार अपने नए आदेश में 5 फीसदी मंहगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश दे सकती है। इस फैसले से जहां सरकारी खजाने में 350 करोड़ का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा, तो 7 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स को इसका फायदा हो सकेगा।
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कर्मचारियों में बढ़ा आक्रोश
मध्य प्रदेश में तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का आरोप है कि, राज्य सरकार केंद्र के समान महंगाई भत्ता न देकर प्रदेश के लगभग लाखों कर्मचारियों के साथ छल कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 11 प्रतिशत मंहगाई भत्ता एरियर सहित भुगतान के आदेश दे दिये हैं। राज्य कर्मचारी महंगाई भत्ते में 16 फीसदी पीछे हैं। कर्मचारियों द्वारा मांगों को लेकर आंदोलन किया, तो सरकार ने देय वेतन वृद्धि पर लगी रोक तो हटा दी, लेकिन इसमें वेतन वृद्धि के एरियर के भुगतान का कोई उल्लेख नहीं किया, जिसकी वजह से कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ने लगी है।
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