ऐसे समझें कितना सुरक्षित है टीका हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लोकेन्द्र दवे बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सामान्य संक्रमण होने, सेहत में गिरावट आने से गर्भ में पल रहे भ्रूण पर भी असर पड़ सकता है। इस दौरान कोरोना हुआ तो समय से पहले डिलीवरी, कम वजनी बच्चे का जन्म होना, नॉर्मल की बजाय सिजेरियन डिलीवरी सहित बच्चे की भी जान को खतरा हो सकता है।
यह है गाइडलाइन
यह है गाइडलाइन
-काउंसिलिंग के दौरान गर्भवती महिला को कोविड से संबंधित हर तरह की जानकारी देना।
-वैक्सीनेशन सेंटर पर गायनी डॉक्टर की तैनाती करना।
-टीका लगाने के बाद आधे घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखना।
-15 से 20 दिन बाद उल्टी, हाथ-पैर दर्द या स्किन में दिक्कत पर डॉक्टर से सलाह लेना।
-वैक्सीनेशन सेंटर पर गायनी डॉक्टर की तैनाती करना।
-टीका लगाने के बाद आधे घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखना।
-15 से 20 दिन बाद उल्टी, हाथ-पैर दर्द या स्किन में दिक्कत पर डॉक्टर से सलाह लेना।
प्रदेश के आंकड़ों पर एक नजर
टोटल डोज 341020
फस्र्ट डोज 301692
सेकेंड डोज 39328 जिले के आंकड़ों पर एक नजर टोटल डोज 10547
फस्र्ट डोज 8219
सेकेंड डोज 2328
तीन लाख लोगों को दूसरा डोज
टोटल डोज 341020
फस्र्ट डोज 301692
सेकेंड डोज 39328 जिले के आंकड़ों पर एक नजर टोटल डोज 10547
फस्र्ट डोज 8219
सेकेंड डोज 2328
तीन लाख लोगों को दूसरा डोज
तीन लाख से ज्यादा लोगों को दूसरा डोज लगवाने तैयार करने और काउंसलिंग के लिए क्या रणनीति रहेगी। इसको लेकर कलेक्टोरेट सभागार कक्ष में सोमवार दोपहर तीन बजे से बैठक आयोजित की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
जिले में 10 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाया गया। किसी भी महिला में साइड इफेक्ट सामने नहीं आया।
-डॉ. उपेन्द्र दुबे, जिला मलेरिया अधिकारी