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‘राष्ट्रवाद सिखाने वाली पार्टी बताएं, कितने लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया’

locationभोपालPublished: Aug 25, 2021 05:07:52 pm

Submitted by:

Manish Gite

सर्व आदिवासी संगठन के कार्यक्रम में पहुंचे कमलनाथ और कांतिलाल भूरिया, कांग्रेस के मिशन 2023 की तैयारी…।

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भोपाल में आदिवासियों के सम्मेलन में पहुंचे कमलनाथ। आदिवासियों को साधने में जुटी कांग्रेस।

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि सीधा-साधा, भोला-भाला आदिवासी वर्ग मजदूरी तो कर लेगा, लेकिन मुंह चलाना नहीं सीखा, आदिवासियों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी कुर्बानी दी। आज जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वे हमारे आदिवासी भाइयों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। आज जो लोग हमें राष्ट्रवाद सिखाने की बात करते हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे अपनी पार्टी के एक ऐसे सेनानी का नाम बता दें, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया हो।

 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बुधवार को राजधानी के मानस भवन में आयोजित सर्व आदिवासी संगठन के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में आदिवासी नेता कांतिकाल भूरिया भी मौजूद थे।

 

कमलनाथ ने आदिवासियों के मुद्दे पर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। नाथ ने शिवराज सरकार पर झूठ बोलने के आरोप लगाए। नाथ ने कहा कि आदिवासी सच्चाई के साथ हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को युवा पीढ़ी, किसान, गरीब की कोई चिंता नहीं है। सिर्फ मीडिया में बयान देकर राजनीति करते हैं। घोषणा और आश्वासनों की सरकार चल रही है। इंदिरा जी ने आदिवासियों के लिए सबसे ज्यादा काम किया। यह वोट के लिए भोले-भाले आदिवासियों को बरगलाते है। आज यह तस्वीर पूरे प्रदेश की है। यही आदिवासी युवा आने वाले कल को संवारेगा। आदिवासी सुरक्षित नहीं रहेगा तो मध्यप्रदेश का विकास कैसे होगा।

 

नाथ ने कहा कि जब 75 साल पहले देश को आजादी मिली तो देश के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी, देश को एकता के सूत्र में बांधने की, जहां इतनी विभिन्नताएं थीं, अनेकों भाषाएं हैं, अनेकों वर्ग के लोग हैं, अनेकों रस्में, रीति-रिवाज हैं, विभिन्न देवी-देवता हैं, हमारे सामने अनेकता को एकता में बदलने की चुनौती थी।

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संविधान में सभी वर्गों को समानता दी

कमलनाथ ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चुनौतियों का सामना किया। बाबा साहेब ने देश का संविधान बनाया, जिसमें सभी वर्गों को समानता मिली। आदिवासी वर्ग के हितों को भी विशेष स्थान संविधान में मिला। इंदिरा जी की सोच थी, आदिवासी वर्ग कैसे सुरक्षित रहे? उन्होंने इस वर्ग के लिए कई जनहितैषी कार्य किए।

 

घोषणाएं करना बहुत आसान है

उन्होंने वर्तमान भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि लंबी-चौड़ी बातें करना, मुंह चलाना, घोषणाएं करना तो बहुत आसान है। ये रोजगार की बात नहीं करेंगे, नौजवानों की बात नहीं करेंगे, आदिवासी के हितों की बात नहीं करेंगे। आदिवासी समाज ठेका नहीं चाहता, कमीशन नहीं चाहता, वह तो केवल अपने हाथों में काम चाहता है। आज रोजगार की चुनौती हमारे सामने हैं, कैसे नये रोजगार सृजित हो, आदिवासी नौजवान कैसे आगे बढ़े यह हमारे सामने चुनौती है। आदिवासी नौजवान ही हमारे प्रदेश का भविष्य सुरक्षित करेगा। आदिवासी का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा तो मप्र का विकास कैसे होगा?

कांग्रेस ने शुरू की चुनाव की तैयारी!

भोपाल के मानस भवन में आयोजित सर्व आदिवासी संगठन के कार्यक्रम में कमलनाथ के पहुंचने को लेकर माना जा रहा है कि कांग्रेस ने 2023 की तैयारी अभी से शुरू कर दी। यह भी माना जा रहा है कि आदिवासियों का मुद्दा अगले चुनाव में अपना असर दिखा सकता है। इसी सिलसिले में कांग्रेस ने आदिवासियों को साधने की कोशिश की है। आदिवासियों के बहाने कमलनाथ ने शिवराज सरकार को भी घेरने की कोशिश की।
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