सभी अधीक्षकों के दिशा-निर्देश जारी
पुलिस मुख्यालय स्थित इंटेलिजेंस शाखा ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भी अवगत कराया गया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने देश की सभी राज्य सरकारों को मॉब लिचिंग पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए थे।
यह है नई गाइडलाइन
-अब आपके क्षेत्र की पुलिस सोशल मीडिया, वाट्सअप पर भी नजर रखेगी।
-भ्रमित करने वाली और झूठी या फर्जी कहानियों को वायरल करने वालों की धरपकड़ करेगी।
-ऐसे लोगों पर तुरंत एक्शन लेने के लिए पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है।
-पुलिस अधीक्षक लगातार पीएचक्यू के संपर्क में रहकर जानकारियां भेजने का काम करेंगे।
-पुलिस ऐसे स्थानों को चिंहित करेगी, जहां मॉब लिचिंग की घटनाएं पहले भी हुई है।
-इस संबंध में प्रभावित क्षेत्रों के थाना प्रभारियों की लगातार बैठकें लेने के लिए भी कहा गया है।
-मॉब लिंचिंग के मामले आने पर तत्काल गिरफ्तारी के बाद जल्द से जल्द कोर्ट में पेश करने को कहा गया है।
-पुलिस अब मुखबिर तंत्र को और मजबूत करने में जुट गई है।
बच्चा चोरी के शक में दो की हो चुकी है हत्या
मध्यप्रदेश में भी यह फैसला इतनी सख्ती से इसलिए लिया गया कि पिछले दिनों ही दो लोगों की हत्या मॉब लिचिंग में हो गई। दोनों ही घटनाएं मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में हुई थी।
-20 जून को सिंगरौली में बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने एक विक्षिप्त महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी, जिसमें 12 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
-इसके अलावा दूसरी घटना सतना के मैहर के अमगार गांव में हुई, जहां गौ हत्या के संदेह में ग्रामीणों ने एक युवक की हत्या कर दी, जबकि एक युवक हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मामले में पुलिस आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
-भोपाल के हनुमानगंज थाना क्षेत्र में 27 जुलाई को भी ऐसी ही घटना हुई, जिसमें बच्चा चोर गिरोह के सदस्य होने के संदेह में भीड़ ने विदिशा निवासी तीन युवकों पर हमला कर दिया। इनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वे ट्रैफिक में फंसे एक बच्चे को सड़क पार करा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
-इसके अलावा ढाई सालों में सात घटनाएं मॉब लिचिंग की हो चुकी है। इनमें गौहत्या व गौ वंश के अवैध परिवहन की हैं, जबकि तीन घटनाएं बच्चा चोरी की अफवाह से जुड़ी हैं। जबकि मंडला और बालाघाट में बच्चा चोरी की अफवाह पर समय रहते नियंत्रण कर लिया, तो यहां घटनाएं नहीं हो सकीं।