मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कमलनाथ सरकार इंटेलिजेंस का सहारा उनपर नजर रखने के लिए ले रही है। सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि उन्हें यह लग रहा है कि बीजेपी राज्य की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर सकती है। पिछले दिनों बसपा विधायक ने कहा था कि हमें ऑफर मिल रहे हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि सरकार अपने कमजोर विधायकों पर नजर रख रही है। साथ उनकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है कि वो कहां जा रहे हैं और किनसे मिल रहे हैं। साथ ही फोन पर लंबी बातचीत पर भी नजर है कि किससे बात हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि सरकार अपने कमजोर विधायकों पर नजर रख रही है। साथ उनकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है कि वो कहां जा रहे हैं और किनसे मिल रहे हैं। साथ ही फोन पर लंबी बातचीत पर भी नजर है कि किससे बात हो रही है।
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कांग्रेस के दिग्गज नेता बीजेपी नेताओं के दावे पर बोलते रहे हैं कि उनके विधायकों को पद और पैसे का प्रलोभन दिया जा रहा है। खबरों के अनुसार विधायकों और मंत्रियों के गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सरकार इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है। हालांकि जब यह हलचल तेज थी तब सीएम कमलनाथ ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया था, उन्होंने विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक के बाद कहा था कि हमारे सारे विधायक साथ और एकजुट हैं।
कांग्रेस के दिग्गज नेता बीजेपी नेताओं के दावे पर बोलते रहे हैं कि उनके विधायकों को पद और पैसे का प्रलोभन दिया जा रहा है। खबरों के अनुसार विधायकों और मंत्रियों के गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सरकार इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है। हालांकि जब यह हलचल तेज थी तब सीएम कमलनाथ ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया था, उन्होंने विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक के बाद कहा था कि हमारे सारे विधायक साथ और एकजुट हैं।
बीजेपी के बड़े नेता कर रहे दावा
दरअसल, मध्यप्रदेश की राजनीति में हॉर्स ट्रेडिंग की चर्चा इसलिए जोरों पर है कि प्रदेश को छोटे नहीं बड़े नेता दावा कर रहे हैं। यह दावा लोकसभा चुनावों के दौरान से ही हो रहा है कि कांग्रेस के पचास विधायक हमारे संपर्क में हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी चुनावी सभाओं में इन चीजों का जिक्र करते रहें।
दरअसल, मध्यप्रदेश की राजनीति में हॉर्स ट्रेडिंग की चर्चा इसलिए जोरों पर है कि प्रदेश को छोटे नहीं बड़े नेता दावा कर रहे हैं। यह दावा लोकसभा चुनावों के दौरान से ही हो रहा है कि कांग्रेस के पचास विधायक हमारे संपर्क में हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी चुनावी सभाओं में इन चीजों का जिक्र करते रहें।
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लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी कह रही थी कि मध्यप्रदेश की सरकार अल्पमत में हैं। उसके बाद सीएम कमलनाथ ने कहा था कि ये लोग हमेशा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करते रहे हैं। मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, सरकार पर कोई खतरा नही है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी कह रही थी कि मध्यप्रदेश की सरकार अल्पमत में हैं। उसके बाद सीएम कमलनाथ ने कहा था कि ये लोग हमेशा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करते रहे हैं। मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, सरकार पर कोई खतरा नही है।