मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की पुलिस ने सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब एक बजे मुखबिर की सूचना पर हिरण के भोपाल निवासी शिकारियों को गिरफ्तार किया।
भोपाल. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की पुलिस ने सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब एक बजे मुखबिर की सूचना पर हिरण के शिकारियों को गिरफ्तार किया। शिकारियों में भोपाल निवासी कदीर पिता अजीज खान हाउसिंग बोर्ड कालोनी करोद, अमीन पिता अमीर खान निवासी गांधी नगर, अब्दुल पिता खुदाबख्श निवासी पुरा मोहल्ला राजगढ़ शामिल हैं। जबकि अन्य साथी आबिद हसन, जफर खान निवासी पुरा दोनों ही फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार कदीर और अमीन आबिद और जफर के साथ बगा रोड से हिरण मारकर लाए थे। जिसे अब्दुल के घर में काट रहे थे। जिसकी भनक पड़ोसी आशीष को लगी तो उसने मौके पर जाकर भी देखा। यहां अमीन ने उसके सीने पर बंदूक तान दी। ऐसे में वह वहां से घर की तरफ आ गया और पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने करीब दो बजे दबिश दी। जिसमें हिरण के मांस के साथ कदीर, अमीन और अब्दुल पकड़े गए।
पहले भी पकड़ाए भोपाली
इससे पहले खिलचीपुर नगर में तत्कालीन टीआई चैनसिंह रघुवंशी ने हिरण के शिकारियों को गिरफ्तार किया था। कोहफिजा कालोनी में रहने वाले हिरण के शिकारी काफी रईस घराने से थे। पुलिस ने हिरण के दो शव और वाहन सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
अमीन खान के नाम पर दर्ज है वाहन
शिकारियों ने बताया कि वाहन क्रमांक एमपी 04 सीजी 1038 जो कि अमीन खान के नाम पर दर्ज है। उससे हिरण लेकर आए। जिस गाड़ी को जब्त किया गया। उस पर जहां पिछले सिरे पर न्यायालय काजी कमेटी भोपाल दर्ज था। वहीं आगे के कांच पर 14 जून,17 को जारी हुए राज भवन का वीआईपी पास भी लगा हुआ था। इस तरह के पास लगाकर वे राजगढ़ तक पहुंचे थे। अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि हिरण के शिकार का सिलसिला पहले से चल रहा होगा। क्योंकि न सिर्फ आरोपियों के पास से हिरण का मांस जब्त किया गया बल्कि एक बंदूक और हिरण को काटने के लिए बड़ा छुरा भी मिला है।
सागर में भी पकड़ाए थे चार शिकारी
इसके पहले सागर के दक्षिण वनमंडल के राहतगढ़ के शिकारपुर बीट के शिकारपुर मसानिया जंगल में नीलगाय के शिकार में राजधानी भोपाल के 04 शिकारी आरोपी पाए गए हैं। इनमें ईदगाह हिल्स निवासी बद्द हसन को वन विभाग की टीम ने मौके पर ही पकड़ लिया था जबकि उसके तीन अन्य साथी फैसल खान, एहसान अली, उमरखान सभी ईदगाह हिल्स निवासी भोपाल मौके से फरार हो गए थे। इनका पांचवा साथी समरगढ़ का सरपंच अजब सिंह का नाम सामने आया था। हसन के पास से 312 बोर रायफल,11 जिंदा कारतूस, दूरबीन जब्त किए गए थे। सहित दो चार पहिया वाहन और नीलगाय का चार क्विंटन मांस पकड़ाया था।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की। बाद में वन अमले को भी मौके पर बुलाया। आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव सरंक्षण अधिनियम वन अधिनियम 1927, आयुध अधिनियम 1959 की धारा 25 और 27 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
दीपक नायक, एसडीओपी राजगढ़
हिरण का शिकार हो या फिर वन्यप्राणी कोई भी हो। उसमें तीन साल से लेकर सात साल तक की सजा और 10 हजार तक के आर्थिक दंड का प्रावधान है।
जेएस राठौर, एसडीओ वन विभाग राजगढ़