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विरोध में उतर आए थे प्रोफेसर
इसके अलावा, संक्रमण के बढ़ने के चलते सरकार के परीक्षा कराने के इस फैसले का विरोध प्रोफेसरों ने भी शुरु कर दिया था। साथ ही, अगर परीक्षाएं निरस्त न करने पर 22 जून से आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली थी। इसके अलावा छात्र संगठन भी परीक्षा कराने का विरोध कर रहे थे। तकनीकी शिक्षा विभाग की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं 23 जून से 31 जुलाई के बीच होने वाली थीं।
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महाविद्यालयीन प्राध्यापक ने कही ये बात
बता दें कि, उच्च शिक्षा विभाग के पारंपरिक कोर्स की परीक्षाएं 29 जून से 31 जुलाई के बीच होना तय थीं। इसे लेकर दोनों विभाग ने दिशानिर्देश भी जारी किये जा चुके थे, लेकिन कोरोना के संक्रमण तेजी से बढ़ता देख प्रोफेसरों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. कैलाश त्यागी के मुताबिक, सरकार द्वारा परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लेकर बिल्कुल सही किया है। इसकी मांग संघ लंबे समय से कर रहा है। जब तक कोरोना का संक्रमण समाप्त नहीं हो जाता है, तब तक परीक्षाएं बिल्कुल आयोजित नहीं कराई जानी चाहिए।