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#किसानआंदोलन 2018: राजधानी में यहां दिखने लगा इसका असर, समस्या से निपटने के लिए कवायद शुरू!

locationभोपालPublished: Jun 05, 2018 04:14:53 pm

राजधानी में यहां दिखने लगा इसका असर, समस्या से निपटने के लिए कवायद शुरू!…

kisan protest june 2018

#किसानआंदोलन 2018: राजधानी में यहां दिखने लगा इसका असर, समस्या से निपटने के लिए कवायद शुरू!

भोपाल। सरकारों से नाराज कई प्रदेशों के किसान इन दिनों आंदोलन पर उतरे हुए हैं। वहीं पिछली बार मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर गोली चलाए जाने के चलते यहां के किसान इस बार उसकी बरसी माना रहे हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश में ये आंदोलन कुछ ज्यादा ही सुर्खियों में है।
इसके चलते यहां किसान 1 जून से गांव बंद आंदोलन चला रहे हैं। जिसके कारण गांवों के लोग शहरों में सामान सप्लाई नहीं कर रहे हैं। शुरूआती दिनों में तो इस आंदोलन का कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला। लेकिन अब इसका इफेक्ट दिखना शुरू हो गया है।
ये दिखा इफेक्ट…
शुरूआती कुछ दिनों के बाद ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आने वाले दूध की सप्लाई काफी गिर गई है। जिसके चलते इस समस्या ने निपटने की योजना पर दुग्ध संघ ने तैयारी शुरू कर दी है।
कम पहुंचा दूध..
जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन के तहत आज भोपाल दुग्ध संघ में 2.5 लाख लीटर दूध कम पहुंचा। जिसके चलते दुग्ध संघ के पास केवल 1.70 लाख लीटर दूध ही आया।

वहीं शहर में इन दिनों 2.5 लाख लीटर दूध की सप्लाई हो रही है। जबकि इसमें से करीब 50 हजार लीटर दूध से श्रीखंड, छाछ, लस्सी, दही जैसे प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं।
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kisan protest june 2018- 1to 10
किसानों की हड़ताल को देखते हुए व कम दूध की समस्या से निपटने के लिए दुग्ध संघ ने करीब 11 टन पाउडर और 5 टन मक्खन मिलाकर दूध व अन्य प्रोडक्ट बना रहा है।
ये आया अंतर…
आंदोलन के एक दिन पहले तक यानि 31 मई तक दुग्ध संघ तक 4.10 लाख लीटर से ज्यादा दूध पहुंच रहा था। इसमें से पहले सोमवार को 2.50 लाख लीटर दूध कम आया था। जिसमें से करीब एक लाख लीटर दूध दुग्ध संघ के आष्टा, सीहोर सहित इस इलाके के बल्क मिल्क कूलर्स से नहीं पहुंच सका।
वहीं होशंगाबाद, बैतूल, मुलताई, माली बांया, इटारसी समेत अन्य क्षेत्रों से रोजाना की तरह दूध पहुंच रहा है। पहले दिन किसान आंदोलन का दूध की आवक पर बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ था। वहीं किसान आंदोलन के दूसरे दिन से आवक पर असर दिखना शुरू हो गया।
इन्हीं सब के बीच रविवार की तुलना में सोमवार को दूध की आवक 50 हजार लीटर और कम हो गई लेकिन शहर में सांची दूध और उससे बने अन्य प्रोडक्ट की सप्लाई पर इसका कोई खास असर नहीं दिखा।
पाउडर से बना रहे दूध…
सामने आ रही जानकारी के अनुसार दुग्ध संघ 11 टन पाउडर से 1.10 लाख लीटर दूध बना रहा है। इसमें 5 टन मक्खन मिलाकर उसे फुल क्रीम मिल्क बनाया जा रहा है।
छाछ की कीमत घटी…
वहीं नमकीन छाछ की कीमत सौ फीसदी घटाई-दुग्ध संघ प्रबंधन ने नमकीन छाछ की कीमत में कमी कर दी है। इसके तहत दस रुपए में मिलने वाले 100 एमएल का पैकेट अब 10 की जगह 5 रुपए में मिलने लगा है। जानकारो के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है। जब दुग्ध संघ ने किसी प्रोडक्ट के दाम इतने कम कर दिए हो। जबकि पिछले साल श्रीखंड, छाछ, लस्सी, छेना खीर समेत अन्य प्रोडक्ट के दाम में 25 से 30 फीसदी का इजाफा किया गया था।
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kisan protest 1 to 10 june 2018
नहीं होने देंगे शहर में दूध की कमी…
किसान आंदोलन को देखते हुए दुग्ध संघ के अधिकारियों का कहना है कि दूध से पाउडर और मक्खन बनवाया था। इससे दूध और प्रोडक्ट की क्वालिटी पर कोई असर नहीं होता है। वैसे भी गर्मी में दूध कम ही आता है। ऐसे में पाउडर का इस्तेमाल करके ही दूध बनाया जाता है। हम प्रोडक्ट की कमी नहीं होने दे रहे हैं। जितनी भी डिमांड आएगी, उसे पूरा करेंगे।

पाउडर से बनाए जा रहे दूध के संबंध में सांची से जुड़े एक रिटायर्ड कर्मचारी का कहना है कि जो जानकारी सामने है उसके अनुसार दुग्ध संघ अपने ही दूध से बने पाउडर और मक्खन को मिलाकर दूध बना रहा है। यह पाश्च्युरीकृत होता है। यानी दूध को हाई टेंपरेचर पर गरम करके तुरंत ठंडा कर दिया जाता है।
इस कारण इससे कोई नुकसान नहीं होता। वहीं फेट की मात्रा मेंनटेन करने के लिए इसमें मक्खन मिलाया जाता है। उनका कहना है कि कई दुर्गम क्षेत्रों में जहां तरल दूध पहुंचाना संभव नहीं होता वहां पाउडर से ही दूध बनाकर इस्तेमाल किया जाता है। हर साल गर्मी में दूध कम आने और डिमांड बढ़ने पर दूध की कमी आने पर संकट से ऐसे ही निपटा जाता है।
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