हाईकोर्ट जबलपुर (high court ) में 30 शराब ठेकेदारों ने याचिका लगाई थी। तीन दिनों तक चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अंतरिम आदेश जारी कर दिया। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शराब ठेकेदारों पर सख्ती होना तय है।
कोरोना महामारी के बाद घोषित लाकडाउन और इसके कारण शराब की बिक्री घटने के बाद शराब ठेकेदारों ने राज्य सरकार से मांग की थी कि जिस कीमत पर शराब के ठेके दिए गए थे उन पर ठेका संचालन संभव नहीं हो पाएगा। ऐसी स्थिति में पुराने ठेके निरस्त कर नए ठेके दिए जाएं। इसके साथ ही शराब ठेकेदारों को उनकी जमा राशि भी वापस की जाए। ठेकेदारों का कहना था कि वर्तमान में शराब की खपत के आधार पर ही सरकार को शुल्क लेना चाहिए।
अंतिम सुनवाई 17 जून को
दोनों पक्षों में विवाद सुलझाने के लिए अगली सुनवाई 17 जून को होगी, जो शराब ठेकेदार सरकार की शर्तों पर ठेका चलाना चाहते हैं वे शपथ पत्र पर इसकी मंजूरी देंगे। जिनका शपथ पत्र नहीं आएगा वे दुकानें नहीं चलाएंगे। सरकार टेंडर तो जारी कर सकेगी, लेकिन इसे कोर्ट के अंतिम निर्णय से पहले लागू नहीं कर सकेगी। यह कोर्ट के निर्देश पर ही निर्भर हो पाएगा कि पुराने ठेकेदार को ही संचालन का अवसर दें या नए ठेका लेने वालों को ही मौका दिया जाए।