scriptअब डॉक्टर नहीं ज्योतिषी करेंगे आपका इलाज, रिपोर्ट की जगह मिलेगी कुंडली, पढ़ें सरकार का अजीब फरमान | Madhya Pradesh Patanjali Sanskrit Institute | Patrika News

अब डॉक्टर नहीं ज्योतिषी करेंगे आपका इलाज, रिपोर्ट की जगह मिलेगी कुंडली, पढ़ें सरकार का अजीब फरमान

locationभोपालPublished: Jul 17, 2017 08:54:00 am

Submitted by:

pankaj shrivastava

ज्योतिषी हफ्ते में दो बार तीन से चार घंटे तक या फिर सप्ताह के अंत में लोगों की कुंडली की मदद से रोगों का निदान करेंगे। मरीजों को अपने साथ कुंडली लाना होगी।

Patanjali Sanskrit Institute

Patanjali Sanskrit Institute

भोपाल। धरती के भगवान यानि डॉक्टर जब हाथ खड़े कर दें तो मरीज बेचारा कहां जाए? ऐसे मरीजों के लिए मप्र सरकार पहली बार अस्पतालों में ज्योतिष ओपीडी शुरू कर रही है। यानि जब इलाज डॉक्टर के बस के बाहर हो जाए तो ज्योतिषी के पास चले जाएं। यहां रिपोर्ट की जगह अपने साथ कुंडली जरूर लाएं। हालांकि कुछ डॉक्टर्स इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे लोगों में अंधविश्वास फैलेगा। वहीं दूसरी ओर ज्योतिष वर्ग इस फैसले से इतना खुश है कि पंडित और ज्योतिषयों ने अस्पताल जाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

Patanjali Sanskrit Institute

यह है माजरा
कई बीमारियों से जूझ रहे लोग मध्य प्रदेश में जल्द ही ज्योतिष ओपीडी के जरिए अपना इलाज करवा पाएंगे। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान ये सुनिश्चित करेगा कि मरीज हफ्ते में दो बार ज्योतिषियों की सेवा ले सकें। यह जानकारी मप्र पतंजलि संस्कृत संस्थान के डॉयरेक्टर पीआर तिवारी ने दी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने सरकार की इस योजना का खुलासा करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में ज्योतिष ओपीडी बनाने के प्रोजेक्ट पर चर्चा चल रही है। विशेषज्ञों की राय से इसे आने वाले 1 साल में लागू कर दिया जाएगा।

ऐसी होगी व्यवस्था
जानकारी के अनुसार सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की तरह ज्योतिषयों को भी चैंबर दिए जाएंगे। इसके अलावा उनकी जड़ी-बूटी और आयुर्वेद-होम्योपैथी दवाओं के लिए अलग काउंटर होगा। ज्योतिषयों से परामर्श लेने वालों के लिए विशेष ओपीडी तैयार की जाएगी। ओपीडी में जिस तरह जूनियर डॉक्टर सीनियर डॉक्टर के देखरेख में काम करता है, ठीक उसी तरह एस्ट्रो ओपीडी में भी ज्योतिषी एक्सपट्र्स की देखरेख में काम करेंगे। ज्योतिषी हफ्ते में दो बार तीन से चार घंटे तक या फिर सप्ताह के अंत में लोगों की कुंडली की मदद से रोगों का निदान करेंगे।

Patanjali Sanskrit Institute

यह रहेगी योग्यता
पी आर तिवारी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि कोई भी पंडित-पुरोहित या बाबा यहां आकर बैठ सकेगा। बल्कि यहां एस्ट्रोलॉजी, वास्तु शास्त्र और पुरोहित के तीन वर्षीय डिप्लोमा करने वाले छात्र ओपीडी में जूनियर डॉक्टर की भूमिका में रहेंगे। ये सभी विषय में डिप्लोमा कोर्स महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा हाल ही में शुरू किए गए हैं। इन स्टूडेंट को ज्योतिष के साथ एस्ट्रो बेस्ड इलाज करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

जमकर हो रहा है विरोध
वहीं दूसरी ओर यह आइडिया सरकार के दिमाग में आया भर है कि इसका विरोध होना शुरू हो गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि इससे लोगों में अंधविश्वास फैलेगा। वे डॉक्टर से ज्यादा ज्योतिष पर विश्वास करेंगे और बीमारी का सही इलाज नहीं हो पाएगा। एमवाई हॉस्पिटल इंदौर के पूर्व फिजिशियन ने इस मामले पर कहा कि अगर ये सच है तो ये आरएसएस के खुद के लोगों को खुश करने के एजेंडे के अलावा कुछ नहीं है। गांधी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रो. डॉ. अनुज शर्मा ने कहा कि कि विधानसभा में अधिनियम पारित होने तक राज्य सरकार अस्पतालों में ऐसे पेशेवरों को तैनात नहीं कर सकती।

Patanjali Sanskrit Institute


loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो