दरअसल, पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में एक एडवाइजरी जारी कर कहा गया कि जो भी पर्यटक वहां हैं, वापस लौट जाएं। एडवाइजरी में वजह आतंकी हमले की आशंका बताई गई थी। साथ ही अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया था। क्योंकि अमरनाथ रूट से सुरक्षाबलों ने अमेरिकी स्नाइपर राइफल बरामद किए थे। उसके बाद से वहां से पर्यटकों का लौटना जारी है। मध्यप्रदेश के भी सैकड़ों लोग जम्मू-कश्मीर गए थे। वे अब धीरे-धीरे लौट रहे हैं।
मध्यप्रदेश में भी अलर्ट
शनिवार को एडीजी इंटेलीजेंस कैलाश मकवाना ने एडवाइजरी जारी कर सभी जिलों के एसपी से कहा कि पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर सुरक्षा बलों के जवानों की आवाजाही बढ़ी है और वहां मौजूद पर्यटक और श्रद्धालुओं को लौटने को कहा गया है। अगर निकट के भविष्य में केंद्र की सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई निर्णय लेती है तो मध्यप्रदेश के भी कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन की आशंका है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जाएं।
शनिवार को एडीजी इंटेलीजेंस कैलाश मकवाना ने एडवाइजरी जारी कर सभी जिलों के एसपी से कहा कि पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर सुरक्षा बलों के जवानों की आवाजाही बढ़ी है और वहां मौजूद पर्यटक और श्रद्धालुओं को लौटने को कहा गया है। अगर निकट के भविष्य में केंद्र की सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई निर्णय लेती है तो मध्यप्रदेश के भी कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन की आशंका है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जाएं।
स्वतंत्रता दिवस भी है
वहीं, अगस्त के महीने में स्वतंत्रता दिवस भी है। इस वजह से सुरक्षा इंतजाम तगड़े होते हैं कि ताकि अव्यवस्था नहीं फैलाए। साथ ही बकरीद और कई त्योहार हैं, जिस वजह से प्रदेश में शांति भंग होने का खतरा है। इसलिए भी पुलिस को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। यह एडवाइजरी प्रदेश के डीआईजी और एसपी को जारी किए गए हैं।
वहीं, अगस्त के महीने में स्वतंत्रता दिवस भी है। इस वजह से सुरक्षा इंतजाम तगड़े होते हैं कि ताकि अव्यवस्था नहीं फैलाए। साथ ही बकरीद और कई त्योहार हैं, जिस वजह से प्रदेश में शांति भंग होने का खतरा है। इसलिए भी पुलिस को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। यह एडवाइजरी प्रदेश के डीआईजी और एसपी को जारी किए गए हैं।
इसे भी पढ़ें: Madhya pardesh: क्लासरूम में टीचर की टेबल पर बैठ ‘दैत्य’ बन गया चपरासी, फिर चार बच्चों को बेरहमी से पीटा सिमी का गढ़ रहा है मध्यप्रदेश
पुलिस को आशंका है कि मध्यप्रदेश सिमी का भी गढ़ रहा है। सिमी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां लगातार प्रदेश से होती रही हैं। मध्यप्रदेश के कई जेलों में सिमी के खुंखार आतंकी कैद हैं। सिमी के आतंकियों ने तो मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सेंट्रल जेल को ब्रेक कर भाग गए थे। हालांकि कुछ ही घंटों के बाद उन्हें एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। ऐसे में यह कयास लगाए जा सकते हैं, अगर कश्मीर में कुछ हलचल होती है तो ऐसे संगठन उन चीजों को ढाल बनाकर यहां भी प्रदर्शन कर सकते हैं।
पुलिस को आशंका है कि मध्यप्रदेश सिमी का भी गढ़ रहा है। सिमी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां लगातार प्रदेश से होती रही हैं। मध्यप्रदेश के कई जेलों में सिमी के खुंखार आतंकी कैद हैं। सिमी के आतंकियों ने तो मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सेंट्रल जेल को ब्रेक कर भाग गए थे। हालांकि कुछ ही घंटों के बाद उन्हें एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। ऐसे में यह कयास लगाए जा सकते हैं, अगर कश्मीर में कुछ हलचल होती है तो ऐसे संगठन उन चीजों को ढाल बनाकर यहां भी प्रदर्शन कर सकते हैं।
बकरीद भी है
12 अगस्त को पूरे प्रदेश में बकरीद भी है। इस दौरान भी पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त होती है। प्रदेश के कई हिस्सों में इस शांति भंग होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में उन इलाकों को चिह्नित कर वहां जवानों की तैनाती पहले ही कर दी जाती है। साथ ही उन इलाकों में पुलिस फ्लैग मार्च भी करती है। ताकि उपद्रवियों में पुलिस का खौफ रहे और आमलोग निर्भिक होकर त्योहार मना सकें।
12 अगस्त को पूरे प्रदेश में बकरीद भी है। इस दौरान भी पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त होती है। प्रदेश के कई हिस्सों में इस शांति भंग होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में उन इलाकों को चिह्नित कर वहां जवानों की तैनाती पहले ही कर दी जाती है। साथ ही उन इलाकों में पुलिस फ्लैग मार्च भी करती है। ताकि उपद्रवियों में पुलिस का खौफ रहे और आमलोग निर्भिक होकर त्योहार मना सकें।
इसे भी पढ़ें: हत्यारे की बेटी को पुलिस अफसर बनाएंगे जबलपुर एसपी, सप्ताह में एक दिन रखेंगे अपने आवास पर वहीं, कई राजनीतिक दल भी यह कह रहे हैं कि अगर सरकार कश्मीरियों की भावनाओं से छेड़छाड़ करती है तो उसका खामियाजा देश को उठाना पड़ेगा। साथ ही इससे हालात भी बिगड़ सकते हैं। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह भी ने शनिवार को ऐसी आशंका व्यक्त की थी। उन्होंने आग्रह किया था कि केंद्र की सरकार को बताना चाहिए कि वहां वह क्या करने जा रही है। क्योंकि इस सरकार पर मुझे भरोसा नहीं है।