भाजपा की ओर से जारी निष्कासित पत्र में कहा गया है कि प्रेमचंद गुड्डू को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है। पार्टी ने 19 मई 2020 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन उसका जवाब आज तक नहीं मिला। इसे घोर अनुशासनहीनता मानते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रेमचंद गुड्डू को निष्कासित कर दिया है।
सिंधिया के खिलाफ बोलना पड़ा भारी
हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के खिलाफ प्रेमचंद गुड्डू के बयान से राजनीति गर्मा गई थी। भाजपा संगठन ने इस बयानबाजी को गंभीरता से लिया था। इस पर गुड्डू को नोटिस देकर जवाब मांगा था। इस पर गुड्डू ने जवाब में कहा था कि भाजपा से 9 फरवरी को ही इस्तीफा दे चुका हूं। एक बार फिर सिंधिया और सिलावट पर निशाना साधा था। गुड्डू ने कहा था कि वे फरवरी में ही समझ गए थे कि भाजपा कांग्रेस की सरकार को गिरा देगी। ऐसे समय में भी जब पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में बढ़ रहा था, राजनीतिक उठापटक में उन्होंने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा था।
क्या लिखा पत्र में
प्रेमचंद गुड्डू ने अपने पत्र में लिखा है कि भाजपा ने मुझे निष्कासित करने का पत्र जारी किया। देखकर बड़ा हास्यास्पद लगा। गुड्डू ने भाजपा संगठन की कार्यप्रणाली पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि दलितों के साथ भाजपा का गैर जिम्मेदारना अपमानजनक रवैया प्रदर्शित कर रहा है। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने कहा कि जिस पार्टी को मैं खुद ही 9 फरवरी को छोड़ चुका हूं, उसका पत्र भी मैंने जारी किया, वो पार्टी मुझे 19 मई को कारण बताओ नोटिस जारी कर मुझसे जवाब मांग रही है। जवाब नहीं देने को अनुशासनहीनता मान रही है।
गुड्डू ने कहा कि जब मैं पूर्व में ही पार्टी छोड़ चुका हूं तो फिर तीन माह बाद मुझे कारण बताओ नोटिस जारी करना और उसका जवाब मांगना, यह सब किस अधिकार से किया यह समझ से परे हैं। इस पूरे प्रकरण को लेकर मैं न्यायालयीन प्रक्रिया भी अपना रहा हूं।