दरअसल पीईबी द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी होते हैं, जो फार्म भरने के दौरान गलती कर बैठते हैं। ऐसे में परीक्षा में जब वे नौकरी के लिए चयनित हो जाते हैं, तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे कई मामलों में बाद में अभ्यर्थियों को चक्कर काटना पड़ते हैं।
जल्दबाजी में दे दी गलत जानकारी :
ऐसा ही एक मामला कुछ समय पूर्व हुई एक परीक्षा में भी सामने आया। जहां एक अभ्यर्थी ने सामान्य जाति की जगह अनुसूचित जनजाति पर टिक लगा दिया। उनका पेपर अच्छा गया था और आरक्षण का लाभ भी उसे मिला। बाद में दस्तावेज का जब सत्यापन हुआ तो यह मामला सामने आया कि अभ्यर्थी ने गलत जानकारी दी। इस कारण उसे अपात्र घोषित कर दिया गया।
इसके अलावा एक अन्य मामले में कुछ समय पूर्व हुई पुलिस आरक्षक परीक्षा में भी एक पुस्र्ष अभ्यर्थी ने पुरुष ओबीसी की जगह महिला ओबीसी भर दिया। ऐसे में उसे महिला ओबीसी का लाभ दिया गया और वह नौकरी में चयनित भी हो गया।
ऐसा ही एक मामला कुछ समय पूर्व हुई एक परीक्षा में भी सामने आया। जहां एक अभ्यर्थी ने सामान्य जाति की जगह अनुसूचित जनजाति पर टिक लगा दिया। उनका पेपर अच्छा गया था और आरक्षण का लाभ भी उसे मिला। बाद में दस्तावेज का जब सत्यापन हुआ तो यह मामला सामने आया कि अभ्यर्थी ने गलत जानकारी दी। इस कारण उसे अपात्र घोषित कर दिया गया।
इसके अलावा एक अन्य मामले में कुछ समय पूर्व हुई पुलिस आरक्षक परीक्षा में भी एक पुस्र्ष अभ्यर्थी ने पुरुष ओबीसी की जगह महिला ओबीसी भर दिया। ऐसे में उसे महिला ओबीसी का लाभ दिया गया और वह नौकरी में चयनित भी हो गया।
इसके बाद जब ज्वाइनिंग के लिए बुलाया गया तो पुरुष को देख कर हर कोई चौंक गया क्योंकि फार्म में महिला भरा हुआ था जबकि वह पुस्र्ष निकला। इस पर संबंधित विभाग ने उन्हें अपात्र बताते हुए कहा कि उन्होंने गलत जानकारी दी।
अपात्र घोषित हो जाते है चयनित…
पीईबी के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जो गलत जानकारी देने पर चयनित तो हो जाते हैं लेकिन बाद में अपात्र घोषित हो जाते हैं। वहीं ऐसे भी कई मामले हैं, जब अभ्यर्थी न्यायालय तक पहुंच गए।
पीईबी के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जो गलत जानकारी देने पर चयनित तो हो जाते हैं लेकिन बाद में अपात्र घोषित हो जाते हैं। वहीं ऐसे भी कई मामले हैं, जब अभ्यर्थी न्यायालय तक पहुंच गए।
सही-गलत नहीं जानता कम्प्यूटर :
पीईबी के अधिकारियों ने बताया कि अभ्यर्थी जो भी जानकारी भरता है उसे हम सही मानते हैं। बाद में जब संबंधित विभाग में दस्तावेज और अन्य जानकारियों की जांच होती है तो खुलासा होता कि अभ्यर्थी ने गलत जानकारी भर दी थी।
पीईबी के अधिकारियों ने बताया कि अभ्यर्थी जो भी जानकारी भरता है उसे हम सही मानते हैं। बाद में जब संबंधित विभाग में दस्तावेज और अन्य जानकारियों की जांच होती है तो खुलासा होता कि अभ्यर्थी ने गलत जानकारी भर दी थी।
अधिकारियों के अनुसार कम्प्यूटर या यूं कहें सॉफ्टवेयर तो भरी हुई जानकारी के आधार पर काम करता है। उसे पता नहीं होता कि कौन किस वर्ग का है। इस पूरे मामले के संबंध में पीईबी के संयुक्त नियंत्रक आलोक वर्मा का कहना है कि अभ्यर्थी ने ऑनलाइन फार्म में जो जानकारी दी है हम उसे ही अंतिम मानेंगे। अगर कोई गलती से त्रुटि करता है तो उसे नहीं सुधारा जाएगा। कई बार जब चयन हो जाता है और गलत जानकारी देने पर संबंधित अभ्यर्थी अपात्र हो जाता है तो वह पीईबी आता है कि गलती सुधार दी जाए। ऐसा नहीं किया जाएगा। एक बार जो जानकारी भरी है वही फाइनल होगी। किसी परीक्षा के पहले भी कोई सुधार नहीं किया जाएगा। इसलिए अभ्यर्थी सही जानकारी ही भरें।