भोपाल

देश के सबसे गरीबी वाले राज्यों में मध्यप्रदेश का चौथा नंबर

वैश्विक बहु—आयामी गरीबी सूचकांक 2018 की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

भोपालSep 30, 2018 / 10:59 pm

harish divekar

cm shivraj singh

भोपाल। मध्यप्रदेश का नाम देश के सबसे गरीब राज्यों में चौथे नंबर पर आया है, ठीक विधानसभा चुनाव से पहले आई इस रिपोर्ट से भाजपा सरकार के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक मंचों से यह दोहराते आए हैं कि उनके नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश को बीमारु राज्यों की श्रेणी से उबारा है। अब प्रदेश विकासशील राज्यों में शुमार है। सरकार के इस दावे की पोल वैश्विक बहु—आयामी गरीबी सूचकांक 2018 की रिपोर्ट ने खोल दी है। इसके अनुसार देश का सबसे गरीब जिला अलीराजपुर है। बहु—आयामी गरीबी सूचकांक में 10 मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है, इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर, पोषण, बाल मृत्यु दर, स्वच्छ पानी तक पहुंच, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, बिजली, आवास और संपत्ति शामिल है।
 

यह पहली बार है जब मध्यप्रदेश का नाम गरीबी सूचकांक में शामिल किया गया है, कम से कम पिछली दो रिपोर्ट में मप्र या अलीराजपुर का कोई उल्लेख नहीं है।

यह रिपोर्ट 2015-16 के डेटा के आधार पर तैयार की गई है, इसमें बिहार को सबसे गरीब बताया गया है, इसमें कहा गया है कि इस राज्य में रहने वाली आधे से ज्यादा आबादी गरीब है, इसके बाद झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चारों राज्यों में देश के भूमि क्षेत्र का 22त्न और 34त्न आबादी है, लेकिन देश के कुल 364 मिलियन गरीबो में से 196 मिलियन गरीब यानि आधे से ज्यादा इन राज्यों में है।
इन राज्यों में आदिवासियों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं और शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के बावजूद 50 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी गरीब हैं।

 

देश के 640 गरीब जिलों में अलीराज पहले पर

देश के 640 जिलों में सबसे गरीब जिला अलीराजपुर चिन्हित हुआ है। यहां की कुल आबादी का 76.5 प्रतिशत आबादी गरीब है।

अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार भाजपा के विधायक माधो सिंह डाबर ने स्वीकार किया कि गरीबी के खिलाफ लंबी लड़ाई लडने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के घने जंगलों में आदिवासी रहते हैं, वह पूरी तरह वन उत्पादों पर निर्भर है, इसलिए यहां गरीबी ज्यादा है।

हालांकि अलीराजपुर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने जिले को सबसे ज्यादा गरीबी वाले जिला होने से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने अब तक रिपोर्ट देखी नहीं है, यह बात सही है कि यहां के लोग मनरेगा में काम करने की बजाए गुजरात जाना पसंद करते हैं क्योंकि वहां अच्छे पैसे मिलते हैं।
 

 

 

वर्जन –

– प्रदेश ने सामाजिक संकेतकों के मामलों में तेजी के साथ प्रगति की है, बुनियादी ढांचागत विकास के मामले में भी हमने काम किया है, बीमारु राज्यों में शामिल मध्यप्रदेश पहले से बहुत आगे आया है और अब विकसित राज्यों की कतार में शामिल होने की ओर अग्रसर है। – रजनीश अग्रवाल प्रदेश प्रवक्ता,भाजपा –
– सीएम के झूठे दावों की कलई खोलने वाली रिपोर्ट है, हर बात कांग्रेस पर आरोप लगाने वाले सीएम इस बात का उत्तर दें कि १५ साल में कौन सा विकसित प्रदेश बनाया है,ये रिपोर्ट लोगों को हकीकत बता रही है,सीएम को प्रदेश की जनता से झूठ बोलने के लिए क्षमा याचना करनी चाहिए। – पंकज चतुर्वेदी प्रदेश प्रवक्ता,कांग्रेस –

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