जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार 2 मई से लाड़ली उत्सव मनाने जा रही है, जिसके तहत वह प्रदेश की लाड़लियों को प्रदेश के विभिन्न जिलों का भ्रमण करवाएंगी, इसी के तहत योजना की शुरूआत वाघा वार्डर से कर लाड़लियों को बार्डर से लेकर वहां तैनात जवानों और भारतीय सेना के रहन सहन से लेकर सुरक्षा करने तक सभी पहलुओं को विस्तार से बताया जाएगा, ताकि उन्हें भी पता चले कि देश की रक्षा करने के लिए जवान किस तरह 24 घंटे तैनात रहते हैं।
भारत माता के गूंजेंगे जयकारे
आपको बतादें कि प्रदेश की करीब 196 लाड़लियां सोमवार को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन भोपाल से रवाना होंगी, वाघा बार्डर जाने के लिए भोपाल संभाग से 20, इंदौर से 31, ग्वालियर से 15, उज्जैन से 26, नर्मदापुरम से 11, शहडोल से 15, रीवा से 12, चंबल से ९, सागर से 26 और जबलपुर संभाग से 31 लाड़लियों का चयन किया गया है। लाड़लियों को इस प्रकार भ्रमण कराने का मुख्य उद्देश्य ये है कि उन्हें भी भारतीय संस्कृति, अलग-अलग क्षेत्रों की बोली, रहन सहन का तरीका, वहां का खानपान आदि की जानकारी हो।
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फूल माला पहनाकर किया रवाना
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी रविंद्र महाजन ने माला पहनाकर लाड़लियों को रवाना किया। डीपीओ अखिलेश जैन ने बताया कि मंदसौर सहित सीतामऊ मल्हारगढ़, गरोठ सभी चारों तहसील से एक-एक बालिका का चयन किया गया है। यह दल उज्जैन होता हुआ भोपाल पहुंचेगा, लाड़लियां 2 मई को वाघा बॉर्डर पंजाब पहुंचेगी। बालिकाओं की सुरक्षा और पहचान के लिए उन्हें पहचान पत्र दिए गए हैं।